कोरोना में लोगों ने जमकर खरीदा सोना, संवेदनशील जिलों में ज्यादा हुई खरीदी 

मुंबई- कोविड-19 महामारी के दौरान वल्नरेबल (संवेदनशील) जिलों के परिवारों ने देश के दूसरे जिलों के परिवारों की तुलना में अपने सेविंग पोर्टफोलियो में ज्यादा सोना खरीदा है। इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट (IIMA) की स्टडी में यह जानकारी दी गई है। इस स्टडी को देश के 21 राज्यों के 142 जिलों में कंडक्ट किया गया था। 

‘गोल्ड इन हाउसहोल्ड पोर्टफोलियो ड्यूरिंग पेंडेमिक: एविडेंस फ्रॉम एन इमर्जिंग इकोनॉमी’ टाइटल के नाम से पब्लिश इस रिपोर्ट में बताया गया है कि गोल्ड की ओर लोगों के शिफ्ट होने से दूसरे वित्तीय बचत और कैश में लोगों का रुझान कम हुआ है। यह स्टडी, 30 जून को IIMA की वेबसाइट पर प्रकाशित हुई थी। 

स्टडी पेपर के मुताबिक, भारत दुनिया में गहनों के रूप में गोल्ड का दूसरा सबसे बड़ा कंज्यूमर है। स्टडी में पाया गया है कि एक एवरेज भारतीय अपनी कुल कमाई का 11% महंगे मेटल्स खरीदने में निवेश करता है। स्टडी में कहा गया है कि गोल्ड की ओर लोगों का शिफ्ट होना घबराहट के कारण हुआ है। बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं की उपलब्धता में भौगोलिक असमानताओं को दूर करने से जनता के बीच घबराहट कम होगी। यह भी देखा गया है कि संकट के समय यदि लोगों की पहुंच वित्तीय साधनों और संस्थानों तक आसान और बेहतर हो जाए तो गोल्ड के प्रति उनकी प्राथमिकता कम हो सकती है। 

गोल्ड की ओर एक समान शिफ्ट उन जिलों में भी देखा गया है, जिन्होंने महामारी के दौरान सबसे खराब आर्थिक प्रभाव का अनुभव किया है। स्टडी में बताया गया कि जिन जिलों में स्वास्थ्य सुविधाएं CVD जिलों की तुलना में बेहतर थीं वहां किसी भी तरह के गोल्ड सेविंग की ओर लोगों का रुझान कम देखा गया। 

यह स्टडी वित्त वर्ष 2020-21 में कोविड-19 के दौरान इंडिया गोल्ड पॉलिसी सेंटर (IGPC) और पीपल रिसर्च ऑन इंडियाज कंज्यूमर इकोनॉमी (PRICE) की ओर से आयोजित गोल्ड कंजम्पशन के हाउसहोल्ड सर्वे के प्राप्त आंकडों के आधार पर की गई है, जिसे भारत के 23 राज्यों के 160 जिलों के 40,427 परिवारों पर किया गया था। 

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