सहारा इंडिया के निवेशकों को मिलेगा पैसा, गृहमंत्री शाह ने लांच किया विशेष पोर्टल
मुंबई- सहारा इंडिया की 4 को-ऑपरेटिव सोसाइटीज में निवेश करने वाले 10 करोड़ लोगों का फंसा पैसा वापस मिलेगा। इसकी शुरुआत 5,000 करोड़ रुपए और 4 करोड़ निवेशकों से हो रही है। केंद्रीय गृह और सहकारिता मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को दिल्ली में ‘सहारा रिफंड पोर्टल’ लॉन्च किया। इन सोसाइटीज ने निवेशकों से 86,000 करोड़ रुपए से ज्यादा जुटाए थे।
शाह ने कहा कि इस पोर्टल के जरिए सहारा के निवेशकों को अप्लाई करने के 45 दिन में पैसा वापस मिलेगा। ये पैसा सीधे अकाउंट में ट्रांसफर किया जाएगा। पोर्टल के जरिए सहारा की 4 को-ऑपरेटिव सोसाइटी के निवेशक ही आवेदन कर सकते हैं। निवेशकों में बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश जैसे राज्यों के लोगों की संख्या सबसे ज्यादा है।
पहली तीन सोसाइटीज के किसी भी जमाकर्ता जिसने 22 मार्च 2022 से पहले पैसा जमा किया हो वो रिफंड के लिए एलिजिबल है। वहीं स्टार्स मल्टीपर्पज को-ऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड हैदराबाद के 29 मार्च 2023 से पहले के निवेशक आवेदन कर सकते हैं।
पहले फेज में जमाकर्ताओं को 10,000 रुपए तक का ही रिफंड मिलेगा। यानी अगर जमा राशि 20,000 भी है तब भी केवल 10,000 रुपए ही ट्रांसफर होंगे। लगभग 1.07 करोड़ निवेशक ऐसे हैं जिन्हें पूरा पैसा मिलेगा क्योंकि उनका निवेश 10,000 रुपए तक का है।
शाह ने कहा कि पहले फेज में कुल 4 करोड़ निवेशकों को रिफंड दिया जाएगा। 5000 करोड़ रुपए के रिफंड के बाद, हम सुप्रीम कोर्ट जाएंगे और उनसे ज्यादा फंड जारी करने का अनुरोध करेंगे ताकि 10,000 से ज्यादा राशि वाले निवेशकों को पूरा पैसा लौटाया जा सके।
सहारा ग्रुप की चारों सोसाइटीज साल 2010 से 2014 के बीच बनाई गई थी। मनी लाइफ की एक रिपोर्ट के मुताबिक सेबी और सीरियस फ्रॉड इन्वेस्टिगेशन ऑफिस की जांच के बीच सहारा ग्रुप की इन सोसाइटीज ने 10 करोड़ निवेशकों से 86,000 करोड़ रुपए से ज्यादा जुटाए थे।
वहीं अगस्त 2022 में सरकार ने उन जमाकर्ताओं की संख्या 13 करोड़ बताई थी, जिनके सहारा ग्रुप की 6 कंपनियों में 1.12 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा जमा थे। इसमें 4 कोऑपरेटिव सोसाइटी के अलावा दो कंपनी सहारा इंडिया रियल एस्टेट कॉर्पोरेशन (SIRECL) और सहारा हाउसिंग इंडिया कॉर्पोरेशन लिमिटेड (SHICL) शामिल है।
इन दो कंपनियों में 3.08 करोड़ निवेशकों के 25,781.37 करोड़ रुपए जमा थे। वहीं इस साल मार्च 2023 तक सेबी के अकाउंट में सहारा के करीब 24,000 करोड़ रुपए जमा थे। सुप्रीम कोर्ट के अगस्त 2012 में SIRECL और SHICL को इन्वेस्टर्स का पैसा लौटाने के निर्देश के बाद सहारा-सेबी एस्क्रो अकाउंट खोले गए थे।
जमाकर्ता के पास पैसा पाने के लिए सदस्यता संख्या, जमा खाता संख्या, आधार से जुड़ा मोबाइल नंबर, जमा प्रमाणपत्र/पासबुक, पैन कार्ड (यदि दावा राशि 50,000/- और अधिक है) होना चाहिए। यदि दावा राशि 50,000/- और इससे ज्यादा है तो जमाकर्ता के पास पैन कार्ड होना चाहिए। अगर नहीं है तो इसे बनवाना होगा। डिपॉजिटर्स के पास आधार से जुड़ा मोबाइल नंबर और आधार से जुड़ा बैंक अकाउंट होना जरूरी है। इसके बिना रजिस्ट्रेशन नहीं होगा।