बोट नहीं लाएगी फिलहाल आईपीओ, कंपनी ने कहा काम के लिए है पर्याप्त पैसा   

मुंबई- ईयरफोन व हेडफोन बनाने वाली कंपनी बोट को आईपीओ के लिए जल्दी नहीं है। कंपनी पूर्व में अपनी आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (IPO) की योजना को टाल चुकी है। बोट के सह-संस्थापक अमन गुप्ता ने कहा कि IPO को लेकर हमें कोई ‘जल्दबाजी’ नहीं है और इसे अगले वित्त वर्ष 2024-25 या 2025-26 में लाया जा सकता है। 

गुप्ता ने यह भी कहा कि भारत विनिर्माण के लिए एक आकर्षक स्थल बन गया है। गुप्ता ने एक इंटरव्यू में कहा कि उनके स्टार्टअप के पास अभी ‘पर्याप्त पूंजी’ है। एक समय था जब स्टार्टअप के लिए IPO लाने का ‘फैशन’ नहीं था। उसके बाद बाजार में काफी उतार-चढ़ाव की स्थिति बन गई थी। 

उन्होंने कहा, ‘हमें अभी IPO की जरूरत नहीं है। हम यह कुछ साल बाद कर सकते हैं। वित्त वर्ष 2024-25 या वित्त वर्ष 2025-26 में ऐसा किया जा सकता है.. हमें कोई जल्दबाजी नहीं है।’ गुप्ता ने कहा, ‘यकीनन इस साल हम ऐसा नहीं करने वाले।’ वहीं उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि स्टार्टअप इंडिया और नवाचार महोत्सव जैसी पहल ने देश में उद्यमिता को लेकर नजरिये में बदलाव आया है। 

गुप्ता ने कहा कि पहले लोग स्टार्टअप को स्वीकार करने को तैयार नहीं थे। बहरहाल, सरकार के इसपर ध्यान केंद्रित करने और स्टार्टअप इंडिया, स्टैंड-अप इंडिया जैसी पहल ने इस बारे में देश का नजरिया बदल दिया है। उन्होंने कहा, ‘मैं अपने ही सफर की बात करूं तो जब हमने शुरुआत की और कैसे हम सभी चीजों का आयात कर रहे थे… यह सब अब बदल गया है और अब हमारे 60-70 फीसदी उत्पाद भारत निर्मित हैं। सही मायने में यह ‘मेक इन इंडिया’ है। हम सभी बड़े सपने देख रहे हैं।’ 

उन्होंने कहा कि भारत जल्द ही ‘दुनिया की स्टार्टअप राजधानी’ बन जाएगा और ‘यह देश में हो रहे बदलावों की वजह से है।’ गुप्ता ने कहा कि जब बात अपनी विनिर्माण आवश्यकताओं की आती है तो कंपनियां एक देश तक सीमित नहीं रहना चाहतीं। उन्होंने कहा कि इसके लिए ‘भारत एक बड़ा अवसर बन सकता है।’ 

गुप्ता ने कहा कि स्टार्टअप को पहले स्वीकार नहीं किया जा रहा था, लेकिन स्टार्टअप इंडिया, स्टैंड-अप इंडिया जैसी सरकारी पहल ने इन्हें सराहा और समाज में स्वीकृति दिलाई। उन्होंने कहा, ‘भारत कभी भी ऐसा देश नहीं था जहां स्टार्टअप की इतनी अधिक मांग हो लेकिन यह एक बदलती दुनिया है। स्टार्टअप इंडिया, स्टैंड-अप इंडिया, स्टार्टअप डे जैसा कुछ भी नहीं था…यह अब देश का मिज़ाज है। 

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