यूट्यूब पर भ्रामक वीडियो से गुमराह करने वाली 9 कंपनियों से नहीं हटेगी पाबंदी
मुंबई- बाजार नियामक सेबी ने यूट्यूब के कई चैनलों पर भ्रामक वीडियो डालकर शार्पलाइन ब्रॉडकास्ट लि. की शेयर की कीमतों में हेराफेरी के मामले में 9 कंपनियों पर लगाई पाबंदी हटाने से इन्कार कर दिया है।
भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने इस मामले की प्रथम दृष्टया जांच के आधार पर 2 मार्च, 2023 के अपने अंतरिम आदेश में 24 इकाइयों को शेयर बाजारों में कारोबार करने से प्रतिबंधित कर दिया था। इनमें से 9 कंपनियों पर लगाए गए प्रतिबंध की अब नियामक ने पुष्टि कर दी है। सेबी ने मंगलवार को एक आदेश में कहा, ये कंपनियां फर्जी एवं अनुचित व्यापार व्यवहार निषेध (पीएफयूटीपी) नियमों के तहत प्रथम दृष्टया संलिप्त पाई गई थीं।
जांच में पाया गया था कि मई, 2022 के दूसरे पखवाड़े में शार्पलाइन ब्रॉडकास्ट कंपनी के शेयरों के बारे में दो यूट्यूब चैनलों मिडकैप कॉल्स एवं प्रॉफिट यात्रा पर कुछ भ्रामक एवं गलत वीडियो डाले गए थे। इन वीडियो में निवेशकों को असाधारण मुनाफे के लिए शार्पलाइन के शेयर खरीदने की सलाह देने वाली झूठी और भ्रामक खबरें फैलाई गईं।
इन यूट्यूब चैनलों के लाखों सब्सक्राइबर्स और करोड़ों दर्शक थे। यूट्यूब पर वीडियो जारी होने के बाद शार्पलाइन के शेयर की कीमतों और ट्रेडिंग वॉल्यूम में वृद्धि हुई। ऐसा लगता है कि वॉल्यूम में बड़ी संख्या में खुदरा निवेशकों का योगदान है, जो भ्रामक वीडियो से प्रभावित हो सकते हैं।
आदेश में जतिन मनुभाई शाह, अंगद एम राठौड़, हेली जतिन शाह, दैविक जतिन शाह, अशोक कुमार अग्रवाल, अंशु अग्रवाल, अंशुल अग्रवाल, हेमंत दुसाद और अंशुल अग्रवाल कंपनी एचयूएफ पर प्रतिबंध बरकरार रखा गया है। इनमें से चार लोगों को कुछ रियायतें मिली हैं।
पूंजी बाजार नियामक सेबी ने बुधवार को कहा कि वह 14 अगस्त को बिशाल ग्रुप ऑफ कंपनीज और एनवीडी सोलर की 22 संपत्तियों की नीलामी करेगा। इसके जरिये निवेशकों से अवैध तरीके से जुटाए गए धन की वसूली की जाएगी। सेबी के एक सार्वजनिक नोटिस के मुताबिक, संपत्तियों की नीलामी करीब 37 करोड़ रुपये के आरक्षित मूल्य पर होगी।
इन 22 संपत्तियों में 17 बिशाल ग्रुप ऑफ कंपनीज (बिशाल अबासन इंडिया लि., बिशाल डिस्टिलर्स लि., बिशाल एग्री-बायो इंडस्ट्रीज लि., बिशाल हॉर्टिकल्चर एंड एनिमल प्रोजेक्ट्स लि.) की हैं। पांच एनवीडी सोलर की हैं। इन संपत्तियों में पश्चिम बंगाल स्थित भूखंड, फ्लैट और एक आवासीय भवन शामिल हैं। एड्रोइट टेक्निकल सर्विसेज को ई-नीलामी सेवा प्रदाता के रूप में नियुक्त किया गया है।