वेदांता पर कर्ज से से अलग हुई फॉक्सकॉन, टाटा के साथ कर सकती है करार
मुंबई- इलेक्ट्रॉनिक कलपुर्जे बनाने वाली ताइवानी कंपनी फॉक्सकॉन ने वेदांता पर भारी-भरकम कर्ज होने की वजह से अलग होने का फैसला किया है। फॉक्सकॉन ने मंगलवार को कहा, दोनों तरफ से यह माना गया था कि परियोजना तेजी से आगे नहीं बढ़ रही थी। साथ ही, अन्य चुनौतीपूर्ण कमियां भी थीं जिन्हें हम आसानी से दूर नहीं कर पाए। साथ ही परियोजना से संबंधित बाहरी मुद्दे भी थे।
फॉक्सकॉन ने कहा, संयुक्त उपक्रम से दोनों के अलग होने का कोई नकारात्मक असर नहीं होगा। हम सेमीकंडक्टर्स और डिस्प्ले फैब परिवेश के लिए संशोधित कार्यक्रम से संबंधित एक आवेदन जमा करने की दिशा में काम कर रहे हैं। हम साझेदारों के लिए स्थितियों की सक्रिय रूप से समीक्षा कर रहे हैं। भारत और विदेश में हितधारकों के एक विविध समूह का स्वागत भी करते हैं। ऐसे समूह जो भारत को अगले स्तर पर देखना चाहते हैं।
फॉक्सकॉन ने कहा, भारत के लिए प्रतिबद्ध हैं। देश सफलतापूर्वक एक मजबूत सेमीकंडक्टर विनिर्माण पारिस्थितिकी तंत्र स्थापित कर रहा है। इसमें समय लगेगा। इस योजना में हमारी बहुत ज्यादा दिलचस्पी है। वेदांता-फॉक्सकॉन भारत में पहली सेमीकंडक्टर बनाने वाली कंपनियां थीं। गुजरात में यह प्रोजेक्ट 1.5 लाख करोड़ रुपये का था। इससे हजारों लोगों को रोजगार मिलने की उम्मीद थी।फॉक्सकॉन ने पहली बार 2006 में भारत में प्रवेश किया था। समूह भारत के उभरते सेमीकंडक्टर उद्योग के साथ आगे बढ़ने के लिए तत्पर है।
रेटिंग एजेंसी मूडीज ने कर्ज की वजह से मार्च में वेदांता की रेटिंग डाउनग्रेड कर दिया था। इसने चेतावनी दी थी कि कर्ज से संबंधित मुद्दे वेदांता को पुनर्वित्त जोखिमों और भुगतान में चूक की संभावना को बढ़ा देते हैं। समूह ने अभी तक भुगतान में चूक नहीं किया है। वेदांता की मूल कंपनी वेदांता रिसोर्सेज कर्ज से जूझ रही है। इसे चालू वित्त वर्ष में करीब 17 हजार करोड़ कर्ज का भुगतान करना है।
फॉक्सकॉन टाटा समूह के साथ करार कर सकती है। दोनों कंपनियों को नए भागीदार मिल गए हैं। टाटा सेमीकंडक्टर में अपनी रुचि पहले ही दिखा चुका है। फॉक्सकॉन ने भी जल्दी ही नया आवेदन करने की घोषणा की है। फॉक्सकॉन करार के लिए स्थानीय भागीदार की तलाश कर रही है।