भारत जल्द ही दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था वाला बनेगा देश 

मुंबई- दुनिया में इस समय अगर कोई देश सबसे अधिक उभर कर आ रहा है, तो वह है भारत। हर कोई कह रहा है कि भारत जल्द ही दुनिया की टॉप-3 पावरफुल कंट्रीज में शामिल होगा। जितने भी बड़े देश हैं, उनमें सबसे तेजी से हमारी इकॉनमी ही ग्रोथ कर रही है।  

अब दुनिया के दिग्गज इन्वेस्टमेंट बैंक गोल्डमैन सैश ने बड़ी भविष्यवाणी कर दी है। गोल्डमैन सैश ने कहा है कि भारतीय इकॉनमी साल 2075 तक अमेरिका को पीछे छोड़ देगी। इस तरह यह दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी इकॉनमी बन जाएगी। और पहले नंबर पर होगा चीन। जनसंख्या के मामले में देखें तो भारत ने चीन को पीछे छोड़ दिया है। 1.4 अरब लोगों के साथ भारत दुनिया में सबसे अधिक जनसंख्या वाला देश बन गया है। 

भारत की इकॉनमी को लेकर दुनिया का नजरिया काफी तेजी से बदला है। इसका कारण है हमारी तेजी से बढ़ती मिडिल क्लास आबादी और उसके साथ ही बढ़ती डिमांड और खपत। आज भारत की कुल जनसंख्या में से 31 फीसदी मिडिल क्लास है। साल 2031 तक इसके 38 फीसदी तक जाने का अनुमान है। वहीं, साल 2047 तक भारतीय जनसंख्या में मिडिल क्लास आबादी 60 फीसदी तक पहुंच जाएगी। जब भारत की आजादी को 100 साल हो जाएंगे, तब देश में 1 अरब से अधिक लोग मिडिल क्लास में होंगे। 

गोल्डमैन सैश ने एक ग्राफ के जरिए चीन, भारत, अमेरिका यूरोप और जापान की जीडीपी ग्रोथ की रफ्तार के अनुमान को दिखाया है। यह ग्राफ बताता है कि साल 1980 से 2010 तक भारत की जीडीपी दूसरे देशों की तुलना में काफी कम थी। वहीं 2020 से 2075 के दौरान भारत की जीडीपी में निरंतर और बड़ी तेजी जारी रहने का अनुमान है।  

गोल्डमैन सैश के पूर्वानुमान के अनुसार साल 2075 तक भारत की जीडीपी 52.5 लाख करोड़ डॉलर की हो जाएगी। इस तरह यह दुनिया की दूसरी बड़ी इकॉनमी होगी। 57 लाख करोड़ डॉलर के साथ चीन टॉप पर होगा। वहीं, 51.5 लाख करोड़ डॉलर के साथ अमेरिका तीसरे स्थान पर, 30.3 लाख करोड़ डॉलर के साथ यूरोप चौथे स्थान पर और 7.5 लाख करोड़ डॉलर के साथ जापान 5वें स्थान पर होगा। 

इस समय दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं की लिस्ट में भारत का पांचवां स्थान है। संयुक्त राष्ट्र अमेरिका 23.3 लाख करोड़ डॉलर की जीडीपी के साथ दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बना हुआ है। चीन 17.7 लाख करोड़ डॉलर के साथ दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। तीसरे नंबर पर जापान है, जिसकी जीडीपी 4.9 लाख करोड़ डॉलर है। चौथे नंबर पर 4.3 लाख करोड़ डॉलर के साथ जर्मनी आता है। भारत 3.2 लाख करोड़ डॉलर की जीडीपी के साथ पांचवें स्थान पर है। छठे स्थान पर यूके है, जिसकी इकॉनमी 3.1 लाख करोड़ डॉलर है। 

गोल्डमैन सैश का कहना है कि 1.4 अरब की आबादी के साथ भारत जीडीपी चार्ट में नाटकीय रूप से आगे बढ़ सकता है। रिपोर्ट में कहा गया कि भारत में टैलेंट, वर्कफोर्स और सबसे ज्यादा कार्य आयु वाली जनसंख्या से इकॉनमी को तेजी से आगे बढ़ने में मदद मिलेगी। भारत की जीडीपी ग्रोथ वित्तीय वर्ष 2022-23 के दौरान 7.2% रही, जो दुनिया में इस दौरान सबसे ज्यादा है। 

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