हाइब्रिड फंड- सभी निवेशकों के लिए बेहतर, आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल शीर्ष पर
मुंबई- बाजार में ऐसे तमाम उत्पाद हैं, जो बेहतर प्रदर्शन तो करते हैं, पर वो सभी निवेशकों के लिए उचित हों, यह संभव नहीं होता है। ऐसा इसलिए क्योंकि, हर निवेशक का लक्ष्य अलग हो सकता है। रिटर्न की उम्मीद अलग हो सकती है। जोखिम लेने की क्षमता भी अलग हो सकती है।
सभी निवेश गुरु, चाहे वह वॉरेन बफे हों या हॉवर्ड मार्क्स, वे सभी कहते हैं कि यदि आप कम मूल्य वाले परिसंपत्ति वर्गों में निवेश करते हैं, तो आप वास्तव में पैसा बनाते हैं। यह कुछ ऐसा है जिसे एक हाइब्रिड फंड करने में सक्षम है, क्योंकि इसके पास हमेशा नकदी होती है। यह सस्ता होने पर कम मूल्य वाले परिसंपत्ति वर्ग में निवेश करने में सक्षम है। इसलिए, हाइब्रिड रणनीतियां बेहतर जोखिम समायोजित रिटर्न दे सकती हैं। इससे आपके निवेश को भी सुरक्षा मिलती है।
पूरे बाजार चक्र के दौरान, एक धैर्यवान निवेशक के लिए, हाइब्रिड फंड में निवेश का अनुभव बहुत उत्साहजनक हो सकता है, क्योंकि यह ज्यादा परिसंपत्तियों का दृष्टिकोण अपनाता है। इस रणनीति से निवेशकों को बेहतर जोखिम समायोजित रिटर्न उत्पन्न करने में मदद मिलती है। म्यूचुअल फंड में इस उत्पाद का प्रदर्शन बहुत ही शानदार होता है। निवेशकों के लिए यह ऐसा फंड है जो उनकी क्षमता के आधार पर विभिन्न परिसंपत्तियों में निवेश कर जोखिम से बचाता भी और आक्रामक तरीके से रिटर्न भी देता है।
रूढ़िवादी, आक्रामक, इक्विटी सेविंग, बैलेंस्ड एडवांटेज, डायनॉमिक एसेट अलोकेशन और मल्टी एसेट अलोकेशन। बाजार नियामक सेबी ने इनमें से प्रत्येक श्रेणी के लिए आवंटन को तय किया है।
-रूढ़िवादी: यह फंड पोर्टफोलियो का 10-15 फीसदी इक्विटी में और बाकी 75 -90 फीसदी डेट में निवेश करता है। यह बहुत कम जोखिम लेकिन इक्विटी से थोड़ा फायदा कमाने वालों के लिए है। इस कैटेगरी का एक साल में 9.74 फीसदी, तीन साल में 8.72 और पांच साल में 7.16 फीसदी का रिटर्न।
-आक्रामक: यह कम से कम 65% और अधिकतम 80 फीसदी तक इक्विटी में निवेश करता है। 20-35% बॉन्ड और अन्य सुनिश्चित आय वाली प्रतिभूतियों में निवेश करता है। यह ज्यादा जोखिम वालों के लिए ठीक है। इसके बेंचमार्क ने 2022 में 4.8 फीसदी और आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल ने 11.7 फीसदी रिटर्न दिया था। इस कैटेगरी ने एक साल में 18.92 फीसदी, तीन साल में 18.93 और पांच साल में 11.29 फीसदी का फायदा दिया है।
-बैलेंस्ड एडवांटेज: यह फंड पोर्टफोलियो का 0-100% इक्विटी में या इतना ही डेट में निवेश कर सकता है। जब मार्च 2020 में महामारी के तुरंत बाद सेंसेक्स में भारी गिरावट आई, तो आईप्रू बैलेंस्ड एडवांटेज फंड ने पोर्टफोलियो में शुद्ध इक्विटी बढ़ाकर 73.7 फीसदी कर दी। नवंबर 2021 तक, जब बाजार 60,000 से अधिक के स्तर तक पहुंच गया था, फंड ने अपनी शुद्ध इक्विटी को 30 फीसदी से थोड़ा अधिक कम कर दिया। इस कैटेगरी का एक साल में 15.59, तीन साल में 13.79 और पांच साल में 9.25 फीसदी का रिटर्न।
-मल्टी-एसेट एलोकेशन: यह सदाबहार फंड है। इसमें इक्विटी, डेट, सोना/चांदी, रीट, इनविट आदि का मिश्रण होता है। इस श्रेणी में आईप्रू ने 2022 में 16.8 फीसदी और बेंचमार्क ने 5.8 फीसदी का रिटर्न दिया। इस कैटेगरी ने एक साल में 17.74 फीसदी, तीन साल में 17.93 और पांच साल में 10.22 फीसदी का रिटर्न दिया।
-इक्विटी सेविंग: यह इक्विटी और संबंधित संसाधनों में 65 और डेट में 10 फीसदी तक निवेश करता है। यह उनके लिए है जो डेट से ज्यादा लेकिन इक्विटी से कम रिटर्न चाहते हैं। एक साल में 11.32, तीन साल में 11.06 और पांच साल में 7.51 फीसदी का रिटर्न।
आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल म्यूचुअल फँड के कार्यकारी निदेशक और मुख्य निवेश अधिकारी एस नरेन कहते हैं कि भारत दुनिया की सबसे अच्छी संरचनात्मक गाथाओं में से एक है। लंबे समय में इसका विकास अच्छा है। कॉरपोरेट अच्छी स्थिति में हैं और उसकी आय में सुधार हो रहा है। मजबूत बैंकिंग प्रणाली से बुरे फंसे कर्जों (एनपीए) की समस्या अब नहीं है। दुनिया में कोई अन्य देश नहीं है जिसके पास अगले दशक के लिए इतनी मजबूत विकास की कहानी है। इन सभी कारणों से भारत का मूल्यांकन दुनिया के मुकाबले ऊंचा है। अब चुनौती उच्च मूल्यांकन की है।
देशों के बीच तनाव के वातावरण के कारण कुछ चुनौतियां हो सकती हैं। इसलिए, रुक-रुक कर होने वाली अस्थिरता से इन्कार नहीं किया जाना चाहिए। जहां तक भारतीय अर्थव्यवस्था की बात है तो यह अगले दशक में काफी तेजी से बढ़ेगी।