धोखाधड़ी व जान बूझकर डिफॉल्ट करने वालों पर कड़ी कार्रवाई करें बैंक 

मुंबई- वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सरकारी बैंकों को डूबे कर्ज (एनपीए) को कम करने के लिए धोखाधड़ी और जान बूझकर कर्ज न चुकाने वालों के खिलाफ तेजी से कार्रवाई करने को कहा है। सरकारी बैंकों से वृद्धि की रफ्तार को बढ़ाने के लिए कदम उठाने को भी कहा है। बैंकों ने वित्त वर्ष 2021-22 तक छह साल के दौरान 11.17 लाख करोड़ रुपये के एनपीए को बट्टे खाते में डाला है। 

एनपीए को बट्टे खाते में डालने से संबंधित कर्ज बैंक के बहीखाते से हट जाता है। इनमें वह डूबा कर्ज भी शामिल है जिनके लिए चार साल की अवधि पूरी होने के बाद पूर्ण प्रावधान किया गया है। सरकारी बैंक प्रमुखों के साथ हाल में हुई बैठक में वित्त मंत्री ने बैंक प्रमुखों से जोखिम प्रबंधन गतिविधियां मजबूत करने और साइबर सुरक्षा जोखिमों को कम करने पर ध्यान केंद्रित करने को कहा। बैंकों के लिए चिंता का एक क्षेत्र ऊंची ब्याज दरों की वजह से शुद्ध ब्याज मार्जिन पर दबाव है। 

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