टमाटर की कीमतें और लाल हुईं, अब 160 रुपये किलो के पार पहुंचा भाव
मुंबई- टमाटर के दाम ग्राहकों की जेब भले ही ढ़ीली कर रहे हैं लेकिन इससे किसानों की जेब नहीं भर रही है। उत्पादकता काफी घटने से ज्यादा कीमत का किसानों की कुल कमाई पर खास फर्क नहीं पड़ रहा है। बता दें कि बीती कुछ दिनों में टमाटर की कीमतों में तेजी से इजाफा आया है। भाव इतना मंहगा हो गया है कि लोग अब टमाटर खरीदने से पहले दो बार नहीं चार बार सोच रहे हैं।
उपभोक्ता मामलों के विभाग के आंकड़ों के अनुसार देश के खुदरा बाजारों में टमाटर 31 से 160 रुपये किलो बिक रहा है। देश भर में टमाटर की औसत खुदरा कीमत 90.40 रुपये प्रति किलो है। सबसे महंगा 160 रुपये किलो शाहजहांपुर में बिक रहा है।
मध्य प्रदेश के उमरिया में 150 और छतरपुर में 140, कोलकाता में 150 रुपये, लखनऊ में 122 रुपये किलो है। दिल्ली में टमाटर की औसत खुदरा कीमत 110 रुपये। दिल्ली की आजादपुर मंडी में टमाटर के थोक भाव 16 रुपये से लेकर 100 रुपये किलो हैं।
महाराष्ट्र नारायणगांव इलाका इस समय टमाटर की आपूर्ति का एक अहम केंद्र है। इस इलाके के टमाटर किसान सुरेश गायकवाड ने बताया कि महीने भर पहले टमाटर की ज्यादा पैदावार के कारण किसानों को घाटा हो रहा था, लेकिन अब टमाटर के दाम काफी बढ़ने के बावजूद किसानों को खास लाभ नहीं हो रहा है क्योंकि टमाटर की पैदावार काफी कम हुई है।
एक एकड़ में आमतौर पर 8 से 10 टन टमाटर का उत्पादन होता है, जो अब मौसम की मार से घटकर एक से दो टन रह गया है। कुछ जगह तो उत्पादकता एक टन भी नहीं है। किसानों को इस समय टमाटर की कीमत 60 से 80 रुपये किलो मिल रही है।
भारतीय सब्जी उत्पादक संघ के अध्यक्ष श्रीराम गाढवे कहते हैं कि इस समय टमाटर के भाव भले ही तेजी से बढ़े हों, लेकिन किसानों की कमाई भाव बढ़ने के अनुरूप खास नहीं बढ़ी है क्योंकि प्रतिकूल मौसम से टमाटर की उत्पादकता कई गुना घटी है।
मध्य प्रदेश के किसान और किसान स्वराज संगठन के अध्यक्ष भगवान मीणा कहते हैं कि पहले तेज गर्मी और मानसून में देरी के कारण टमाटर की फसल को नुकसान हुआ और बाद में बारिश से फसल बर्बाद हुई। उपभोक्ताओं को भले ही टमाटर 100 से 150 रुपये किलो मिल रहा है लेकिन पैदावार काफी घटने के कारण किसानों की कुल आमदनी उतनी नहीं बढी है, जितनी बढ़नी चाहिए।
उन्होंने कहा कि मौजूदा भाव पर हो रही आमदनी से किसानों की बीते महीनों में टमाटर काफी सस्ता बिकने से हुए नुकसान की भरपाई भी नहीं हो पाएगी। महीने भर पहले टमाटर सडक पर फेंकने की नौबत आ गई थी।