भारत की रिफाइनरियों ने रूस से तेल खरीदकर बचाए 58 हजार करोड़ रुपये
मुंबई- भारत की कच्चे तेल रिफाइनिंग कंपनियों ने रूस से कच्चे तेल खरीद कर मई 2023 तक पिछले 14 महीनों में लगभग 58 हजार अरब डॉलर की विदेशी मुद्रा बचाई है। इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, भारत ने यूक्रेन में युद्ध छिड़ने के बाद रियायती दर पर रूस से मिल रहे कच्चे तेल की खरीद बढ़ाकर यह बचत की है।
बता दें कि भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा कच्चे तेल का उपभोक्ता है और अपनी तेल जरूरतों का 85 प्रतिशत से अधिक आयात करता है। रूस के राष्ट्रपति पुतिन ने फरवरी 2022 में यूक्रेन पर आक्रमण करने का फैसला किया था। इसके बाद पश्चिमी देशों ने रूस से अपने तेल आयात में कटौती कर दी और इस वजह से रूस भारी छूट पर अपना कच्चा तेल बेच रहा है।
भारतीय रिफाइनर रूस से रियायती दर पर तेल खरीदकर अपनी क्षमता को लगातार मजबूत कर रहे हैं। कच्चे तेल की खरीद की मात्रा इतनी बढ़ गई है कि रूस मामूली आपूर्तिकर्ता से भारत के लिए शीर्ष तेल आपूर्तिकर्ता बन गया है। इसका सबसे कारण छूट या कम दाम पर मिल रहा कच्चा तेल है।
अप्रैल 2022 से मई 2023 के बीच भारत ने कुल 186.45 अरब डॉलर के मूल्य का कच्चे तेल का आयात किया। यदि भारतीय रिफाइनर कंपनियों ने रूसी तेल कंपनियों की बजाय कहीं और से कच्चा तेल ख़रीदा होता तो उन्हें 196.62 अरब डॉलर का भुगतान करना होता है।
रिपोर्ट के अनुसार, भारत ने रूस से लगभग 40 अरब डॉलर के मूल्य के बराबर कच्चे तेल का आयात किया है। रूसी कच्चे तेल की भारत पहुंच के साथ औसत कीमत 79.75 डॉलर प्रति बैरल थी, जो अन्य देशों से तेल की औसत कीमत से लगभग 14.5 डॉलर कम है।
बता दें कि 28.41 करोड़ कच्चे तेल के आयात के साथ पिछले 14 महीनों में भारत के कुल तेल आयात में रूसी कच्चे तेल की हिस्सेदारी 24.2 प्रतिशत थी।