गोरखपुर रेलवे स्टेशन बन रहा एयरपोर्ट की तरह, 500 करोड़ रुपये होगा खर्च
मुंबई- गोरखपुर पूर्वोत्तर रेलवे का मुख्यालय है। रेलवे मंत्रालय ने इसके आधुनिकीकरण की योजना बनाई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सात जुलाई को गोरखपुर रेलवे स्टेशन की रिडेवलपमेंट प्रोजेक्ट की आधारशिला रखेंगे। इस रेलवे स्टेशन को 498 करोड़ रुपये की लागत से नए सिरे से तैयार किया जाएगा। प्रधानमंत्री साथ ही गोरखपुर-लखनऊ वंदे भारत को हरी झंडी दिखाएंगे। यह उत्तर प्रदेश की दूसरी वंदे भारत एक्सप्रेस होगी।
देश के सबसे लंबे रेलवे स्टेशनों में शामिल गोरखपुर रेलवे स्टेशन का आधुनिकीकरण होने जा रहा है। इसे अगले 50 साल तक की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए नए सिरे से विकसित किया जा रहा है। इसमें यात्रियों के लिए खास सुविधाएं दी जा रही हैं। इसमें स्थानीय संस्कृति और वास्तुकला की झलक देखने को मिलेगी। यह एयरपोर्ट जैसी सुविधा मिलेगी।
गोरखपुर रेलवे स्टेशन पर 6 मीटर चौड़ा रूफ प्लाजा होगा। साथ ही इसमें दो अतिरिक्त पैदल पुल, आगमन और प्रस्थान के लिए अलग-अलग व्यवस्था होगी। इसके साथ ही इसमें मल्टीफंक्शनल कॉन्प्लेक्स और एक होटल बनाने का भी प्रस्ताव है। स्टेशन के पास शॉपिंग मॉल, सेंट्रल मॉल, कमर्शियल ब्लॉक और बजट होटल की भी व्यवस्था होगी। इसे भविष्य की जरूरतों के मुताबिक डिजाइन किया गया है।
पूर्वोत्तर रेलवे की मानें तो इस स्टेशन का निर्माण 17,900 वर्ग मीटर में बनाया जाएगा। साथ ही 7400 वर्ग मीटर में दूसरा एंट्री गेट बनाया जाएगा। प्रस्तावित कॉनकोर्स 6300 वर्ग मीटर में बनाया जाएगा। इसमें एक साथ 35 लोगों के बैठने की सुविधा होगी। स्टेशन के भीतर टू वीलर और थ्री वीलर पार्किंग की मौजूदा क्षमता 427 है जिसे बढ़ाकर 838 किया जाएगा।
गोरखपुर रेलवे स्टेशन के रिडेवलपमेंट से आसपास के जिलों के साथ-साथ नेपाल को भी फायदा होगा। यहां से रोजाना करीब 93,000 यात्रियों का आना-जाना होता है। इसका विकास अगले 50 सालों की जरूरतों को ध्यान में रखकर किया जा रहा है। उस समय तक गोरखपुर जंक्शन पर रोजाना करीब 1,68,000 यात्रियों के आवागमन का अनुमान है। प्रधानमंत्री गोरखपुर-लखनऊ वंदे भारत एक्सप्रेस को भी हरी झंडी दिखाएंगे।