आचार संहिता तोड़ने में टाटा स्टील के 38 कर्मचारी नपे, तीन पर यौन शोषण के आरोप 

मुंबई- टाटा स्टील ने आचार संहिता को तोड़ने के आरोप में 38 कर्मचारियों को निकाल दिया है। इसमें से 35 को नैतिक मुद्दों से जुड़ी अस्वीकार्य प्रथाओं के लिए और अन्य तीन को यौन दुर्व्यवहार के लिए निलंबित कर दिया गया था। 

कंपनी के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन ने बुधवार को सालाना आम सभा (एजीएम) में यह जानकारी दी। उन्होंने कहा, तमाम अज्ञात लोगों से मिली शिकायतों के आधार पर यह कार्रवाई की गई है। इसमें कुछ कर्मचारियों ने अथॉरिटी का गलत उपयोग, हितों के साथ टकराव और ठेका प्रबंधन करार का गलत उपयोग किया। 

टाटा स्टील को पिछले वित्त वर्ष में कुल 875 शिकायतें मिलीं थीं। 158 अज्ञात लोगों ने की थी। 48 शिकायतें सुरक्षा से और 669 मानव संसाधन और अन्य मामलों में थीं। इससे पहले टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेस (टीसीएस) में नौकरी देने के नाम पर 100 करोड़ रुपये लेने के मामले में भी छह लोगों को निकाल दिया गया था। 

चंद्रशेखरन ने कहा, ‘कंपनी के रूप में हम एक ग्लोबल बेंचमार्क हैं। इसलिए हम कंपनी में एक ऐसे कल्चर को बढ़ावा देना जारी रखेंगे, जहां हम हाईएस्ट वैल्यूज और जीरो टॉलरेंस पॉलिसी को बनाए रखेंगे। चन्द्रशेखरन ने कहा कि रिपोर्ट की गई शिकायतों की संख्या में ग्रोथ देखी जा सकती है, जो एक अच्छी बात है। 

नटराजन चंद्रशेखरन ने कहा, ‘टाटा स्टील ने पिछले कुछ सालों में कई महत्वपूर्ण अधिग्रहण किए हैं। हम तीन या चार कंपनियों का विलय भी कर रहे हैं। जिसमें भूषण (स्टील), उषा मार्टिन और नीलाचल इस्पात निगम लिमिटेड के नाम शामिल हैं। इन सभी कंपनियों का विलय हो रहा है। 

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