सुपरटेक के मालिक को 10 जुलाई तक की हिरासत, घोटालों का है आरोप 

मुंबई- रियल एस्टेट कंपनी सुपरटेक के मालिक आर.के. अरोड़ा मनी लॉन्ड्रिंग मामले में 10 जुलाई तक ईडी की हिरासत में रहेंगे। दिल्ली की एक अदालत ने अरोड़ा को पूछताछ के लिए 10 जुलाई तक ईडी की हिरासत में भेजा है। ड्यूटी सत्र न्यायाधीश देवेंदर कुमार जंगाला ने एजेंसी द्वारा दाखिल एक आवेदन पर अरोड़ा को प्रवर्तन निदेशालय की हिरासत में भेज दिया।  

ईडी ने अरोड़ा की 14 दिन की हिरासत की मांग की थी। ईडी ने अपने आवेदन में अदालत से कहा कि मामले में एक बड़ी साजिश का पता लगाने के लिए आरोपी से पूछताछ की आवश्यकता है। 

ईडी ऑफिस में तीसरे दौर की पूछताछ के बाद अरोड़ा को मंगलवार को धनशोधन रोकथाम कानून (PMLA) की विभिन्न धाराओं के तहत हिरासत में ले लिया गया था। सुपरटेक ग्रुप, उसके निदेशकों और प्रमोटर्स के खिलाफ धनशोधन का यह मामला दिल्ली, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में पुलिस द्वारा दर्ज विभिन्न एफआईआर पर आधारित है। 

अधिवक्ता फैजान खान के साथ ईडी की ओर से पेश हुए विशेष लोक अभियोजक एन.के. मट्टा ने अदालत को बताया, ‘कंपनी और उसके डायरेक्टर्स रियल एस्टेट प्रोजेक्ट्स में बुक किए गए फ्लैटों के बदले संभावित खरीदारों से एडवांस रकम के रूप में पैसा इकट्ठा करके लोगों को धोखा देने की “आपराधिक साजिश” में लिप्त थे।’ उन्होंने कहा कि कंपनी समय पर फ्लैटों का कब्जा उपलब्ध कराने के सहमत दायित्व का पालन करने में विफल रही और इस तरह आम जनता को “धोखा” दिया गया। 

ईडी की कार्रवाई से समाने आया कि सुपरटेक लिमिटेड और ग्रुप की दूसरी कंपनियों ने होम बायर्स से पैसा जुटाया। साथ ही फ्लैट बनाने के नाम से बैंकों से लोन भी लिया। और इस फंड को ग्रुप की दूसरी कंपनियों के नाम जमीन खरीदने के लिए डायवर्ट कर दिया गया। इन जमीनों को फिर से बैंकों से कर्ज लेने के लिए गिरवी रख दिया गया। सुपरटेक ग्रुप ने बैंकों को पेमेंट करने में भी डिफॉल्ट किया। ऐसे करीब 1,500 करोड़ के लोन एनपीए बन गए हैं। 

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