लू और कम उत्पादन से टमाटर की कीमतें कई शहरों में 120 रुपये किलो 

मुंबई- भीषण गर्मी, कम उत्पादन और बारिश में देरी से टमाटर की खुदरा कीमतें देश के कुछ हिस्सों में अब 120 रुपये किलो तक पहुंच गई हैं। थोक बाजारों में यह 70 रुपये किलो तक बिक रहा है। टमाटर के साथ कुछ सब्जियों के दाम भी इस महीने तेजी से बढ़े हैं। ऐसे में आरबीआई की महंगाई कम करने की कोशिशों पर ये कीमतें पानी फेर सकती हैं। 

व्यापारियों के मुताबिक, मई में टमाटर की कीमतें थोक बाजार में 3-5 रुपये किलो और खुदरा बाजार में 10-20 रुपये किलो थीं। लेकिन जून में यह अचानक बढ़ गई हैं और अब 100 रुपये के पार पहुंच गई हैं। पिछले हफ्ते में टमाटर की कीमतें तीन गुना बढ़ गई हैं।  

व्यापारियों के मुताबिक, हरियाणा और उत्तर प्रदेश से टमाटर की आपूर्ति काफी कम हो गई है। अब बंगलूरू से टमाटर आ रहा है। हाल में हुई बारिश से टमाटर की फसलों को काफी नुकसान हुआ है। इससे व्यापारी अब तारों के भरोसे टमाटर के पौधों को खड़ा कर रहे हैं। 

महाराष्ट्र के किसान जो राजस्थान, गुजरात और कोलकाता में टमाटर की आपूर्ति करते हैं, उनके पास अब दिल्ली से भी व्यापारी टमाटर लेने की सोच रहे हैं। यहां के व्यापारियों ने बताया कि कीमतें बढ़ने से दिल्ली के व्यापारी भी अब महाराष्ट्र से टमाटर मंगाना चाहते हैं।  

व्यापारियों का कहना है कि जब पिछले महीने टमाटर की कीमतें एकदम निचले भाव पर पहुंच गई थीं, तब किसानों ने इसकी फसल को खेतों में वैसे ही छोड़ दिया था, जिससे काफी फसल बर्बाद हो गई और इससे आवक भी घट गई। कम भाव मिलने के कारण किसानों ने फसलों पर पेस्टिसाइड या खादों का 

व्यापारियों का कहना है कि आगे भी कीमतें ऊंची रहेंगी, ऐसी संभावना नहीं है। जब नई फसल आएगी तो कीमतों में कमी आने की उम्मीद है। लेकिन अगर हिमाचल प्रदेश और अन्य राज्यों में बारिश ज्यादा रही तो फसलों पर असर पड़ सकता और कीमतें ऊंची रह सकती हैं। खबरों के मुताबिक, पिछले साल टमाटर की बुआई कम हुई थी, क्योंकि ज्यादातर किसानों ने बीन्स की बुआई शुरू कर दी थी। टमाटर की तुलना में बीन्स का भाव ज्यादा होने से किसानों की अच्छी कमाई होती है। 

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