6 महीनों में सरकार को फास्टैग से 28 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा की कमाई
मुंबई- इस साल यानी पहले 6 महीनों में 19 जून तक सरकार को फास्टैग से 28,180 करोड़ रुपए की कमाई हुई। 2021 से 2022 के बीच फास्टैग से हुई कमाई में 46% का इजाफा हुआ है। ये 34,778 करोड़ रुपए से बढ़कर 50,855 करोड़ रुपए पर पहुंच गई।
वहीं बीते 5 साल यानी 2017 से 2022 के बीच फास्टैग कलेक्शन दोगुने से ज्यादा बढ़ा है। ये 22,820 करोड़ रुपए से बढ़कर 50,855 करोड़ पर पहुंच गया। 2021 में फास्टैग कंपलसरी हो गया था, इसलिए कलेक्शन में ये ग्रोथ आई है।
देश में 7.06 करोड़ व्हीकल्स पर फास्टैग, 2019 के मुकाबले 300% ग्रोथ
भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (NPCI) के अनुसार मई 2023 तक देश में कुल 7.06 करोड़ व्हीकल्स पर फास्टैग थे। 2019 के बाद से फास्टैग में तेजी देखने को मिली। 2019 में देश में सिर्फ 1.70 करोड़ गाड़ियों पर ही फास्टैग था। यानी इसमें 300% की ज्यादा ग्रोथ हुई है।
सबसे ज्यादा 143 फास्टैग टोल प्लाजा MP में, 114 टोल प्लाजा के साथ UP दूसरे नंबर पर। देश में 964 से ज्यादा टोल प्लाजा पर फास्टैग सिस्टम है। इसमें से सबसे ज्यादा टोल प्लाजा मध्य प्रदेश में हैं। यहां कुल 143 टोल प्लाजा पर फास्टैग के जरिए टोल वसूला जा रहा है। वहीं इस मामले में दूसरे नंबर पर उत्तर प्रदेश है जहां 114 टोल प्लाजा पर ये सिस्टम लागू है।
फास्टैग एक इलेक्ट्रॉनिक टोल कलेक्शन सिस्टम है। रेडियो-फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन (RFID) टेक्नोलॉजी पर फास्टैग काम करता है। हर फास्टैग गाड़ी की रजिस्ट्रेशन डिटेल के साथ जुड़ा होता है। फास्टैग के आने से पहले टोल प्लाजा पर रुककर टोल फीस कैश में देनी पड़ती थी। फास्टैग के आने के बाद से टोल प्लाजा पर लाइनों में भारी कमी आई है।