सात भारतीय कफ सिरप कंपनियों के उत्पाद जांच के घेरे में, यह है मामला 

मुंबई- विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने कफ सिरप से मौतों के मामले में सख्त कदम उठाया है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भारत में बने 7 कफ सिरप को जांच के घेरे में डाला है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, WHO ने यह कदम कई देशों में कफ सिरप से 300 से ज्यादा मौतों के बाद उठाया है।  

बता दें कि डब्ल्यूएचओ ने अपनी जांच में भारत में निर्मित सात खांसी की दवाईयों को उनकी घटिया गुणवत्ता के लिए चिह्नित किया है, जिसके कारण दुनिया भर में करीब 300 बच्चों की मौत हो गई थी। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, विश्व स्वास्थ्य संगठन ने दुनिया भर में दूषित कफ सिरप की आपूर्ति से संबंधित अपनी जांच में सात मेड-इन-इंडिया उत्पादों को जोड़ा है। रिपोर्ट के मुताबिक, भारत और इंडोनेशिया के फार्मास्यूटिकल्स द्वारा निर्मित 20 सिरप को WHO द्वारा जांच के घेरे में डाला है। इन दवाओं में विभिन्न फार्मास्यूटिकल्स द्वारा निर्मित कफ सिरप और विटामिन शामिल हैं। 


डब्ल्यूएचओ ने अपनी जांच में कफ सिरप में डायथिलीन और एथिलीन ग्लाइकॉल का उच्च स्तर पाया था। इसके कारण दुनिया भर में कई मौतें हुईं थीं। डब्ल्यूएचओ को अंदेशा है कि इन कफ सिरप में गड़बड़ हो सकती है। विश्व स्वास्थ्य संगठन इसकी जांच कर रहा है। 

बता दें कि जहरीली कफ सिर्फ पिछले कुछ महीनों में एक बढ़ता हुआ खतरा बन गया है। संयुक्त राष्ट्र अब तक 9 देशों का नाम जहरीली कफ सिरप की बिक्री के साथ जोड़ चुका है। पिछले साल तीन महाद्वीपों के 300 से अधिक बच्चों की मौत का कारण इन जहरीली दवाओं को बताया गया है।

सेंट्रल अफ्रीकन देश कैमरून में पिछले कुछ महीनों में एक दर्जन से अधिक बच्चों की मौत हो चुकी है। अधिकारियों ने इन मौतों के लिए एक कफ सिरप को जिम्मेदार बताया है, जो भारत में बनी हो सकती है। बता दें कि पिछले एक साल से कम समय में यह तीसरी बार है जब भारत द्वारा निर्यात कफ सिरफ से मौतों का दावा किया जा रहा है। 

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