मई में एपल ने भारत से किया 10 हजार करोड़ रुपये का मोबाइल फोन निर्यात
मुंबई- एपल ने मई महीने में भारत से आईफोन के एक्सपोर्ट का नया रिकॉर्ड बना दिया है। इंडिया सेलुलर एंड इलेक्ट्रॉनिक्स एसोसिएशन (ICEA) की रिपोर्ट के मुताबिक, मई महीने में भारत से कुल 12,000 करोड़ रुपए के स्मार्टफोन एक्सपोर्ट हुए हैं, जिसमें 80% आईफोन शामिल हैं।
ICEA के डेटा के अनुसार, मई महीने में भारत से 10,000 करोड़ रुपए के आईफोन एक्सपोर्ट हुए हैं। वित्त वर्ष 2022-23 में भारत ने 40,951 करोड़ रुपए की वैल्यू के आईफोन एक्सपोर्ट किए थे। इसके साथ ही आईफोन भारत में यह मुकाम हासिल करने वाला पहला ब्रांड बन गया है।
इतना ही नहीं भारत से चालू वित्त वर्ष के पहले दो महीनों में ही 20,000 करोड़ रुपए (2.4 बिलियन डॉलर) से ज्यादा के आईफोन एक्सपोर्ट हुए हैं। वहीं पिछले साल यानी वित्त वर्ष 2022-23 के शुरुआती दो महीनों में भारत ने 9,066 करोड़ रुपए के एपल फोन का एक्सपोर्ट किया था।
ICEA के डेटा के मुताबिक, मई महीने में भारत से होने वाले सभी स्मार्टफोन एक्सपोर्ट में एपल की हिस्सेदारी 80% है, बाकी 20% हिस्सा सैमसंग और कुछ दूसरे ब्रांड्स का है। मई के आंकड़े एपल की अपनी सप्लाई चेन में विविधता लाने और चीन से दूर जाने की रणनीति के अनुरूप है।
पिछले हफ्ते जारी बैंक ऑफ अमेरिका की रिपोर्ट के अनुसार, भारत सरकार की सेंटर प्रोडक्शन-लिंक्ड इंसेंटिव (PLI) स्कीम के तहत एपल वित्त वर्ष-25 तक भारत में अपने आईफोन के ग्लोबल प्रोडक्शन का 18% ट्रांसफर कर सकती है। वित्त वर्ष 2023 में यह हिस्सा 7% था।
रिपोर्ट की फाइंडिंग्स से पता चला है कि मोबाइल फोन के लिए 38,000 करोड़ रुपए की पीएलआई स्कीम के 2020 में पारित होने के 2 साल के भीतर वित्त वर्ष 2022-23 में भारत से आईफोन का एक्सपोर्ट बढ़कर 40,000 करोड़ रुपए हो गया है। वित्त वर्ष 2022 में यह 11,000 करोड़ रुपए था। इसमें और तेजी आने की उम्मीद है, क्योंकि इस साल फरवरी से पहले ही आईफोन का मासिक एक्सपोर्ट 1 अरब डॉलर के रन-रेट पर पहुंच चुका है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 21 से 24 जून तक अमेरिका के दौरे पर रहेंगे। इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी और भारतीय डेलिगेशन से वहां भारत में एपल की सफ को उजागर करने की उम्मीद है। इतना ही नहीं मोदी और भी ग्लोबल कंपनियों को भारत में अपना बेस सेटअप करने के लिए कहेंगे। अपनी इस विजिट में मोदी और भारतीय डेलिगेशन सेमीकंडक्टर, इलेक्ट्रिक व्हीकल्स और क्रिटिकल इमर्जिंग टेक्नोलॉजी जैसे सेक्टर्स की कंपनियों पर भी फोकस करेंगे, ताकि वे भी अपनी मैन्युफैक्चरिंग को भारत में शिफ्ट करने के बारे में सोच सकें।