इस साल भी दुनिया में सबसे तेज गति से बढ़ेगी भारतीय अर्थव्यवस्था- आरबीआई
मुंबई। देश की अर्थव्यवस्था की विकास दर पिछले कुछ वर्षों से मजबूत घरेलू मांग के कारण तेजी से बढ़ रही है। इस साल में भी यह पूरी दुनिया में सबसे तेज गति से बढ़ेगी। आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा, भारतीय अर्थव्यवस्था ने तेजी से लाभ कमाया है और पिछले कुछ वर्षों में धीरे-धीरे वैश्विक अर्थव्यवस्था के साथ एकीकृत हो गई है।
लंदन में एक कार्यक्रम में शक्तिकांत दास ने मंगलवार को कहा, वैश्विक मंदी के बीच पिछले कुछ वर्षों में भारत की वृद्धि मुख्य रूप से मजबूत घरेलू मांग, विशेष रूप से निजी खपत और निवेश से प्रेरित है। चालू वित्त वर्ष में हमारी जीडीपी 6.5 फीसदी की दर से बढ़ सकती है।
दास ने कहा, पूरी संभावना है कि भारत 2023 में सबसे तेजी से बढ़ती बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में से एक रहेगा। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) के हालिया अनुमानों के अनुसार, 2022-23 के लिए वास्तविक जीडीपी वृद्धि 7.2 प्रतिशत रही, जो 7 प्रतिशत के अनुमान से अधिक है।
मजबूत वैश्विक विपरीत परिस्थितियों और घरेलू मौद्रिक नीति के कड़े होने के बावजूद, विभिन्न अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों ने भारत को 2023-24 में सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक होने का अनुमान लगाया है। यह विकास निजी खपत में मजबूत वृद्धि और निजी निवेश में निरंतर तेजी से समर्थित होगी।
दास ने कहा, नए आंकड़ों से पता चलता है कि सभी बैंक विभिन्न विवेकपूर्ण जरूरतों को पूरा करते हैं। साथ ही, गंभीर तनाव की स्थिति में भी भारतीय बैंक न्यूनतम जरूरतों को पूरा करने में सक्षम होंगे। हमारे पास शुरुआती चेतावनी संकेतों की एक प्रणाली है, जो जोखिम के प्रमुख संकेत देती है। हम उन मुद्दों की पहचान करने के लिए बाहरी लेखापरीक्षकों के साथ भी जुड़े रहते हैं जो उनकी भूमिका के लिए प्रासंगिक हैं।
दास ने कहा, हम मानते हैं कि कीमतों में स्थिरता नहीं होने पर वित्तीय उथल-पुथल की संभावना अधिक होगी। यह लंबे समय में मौद्रिक नीति और वित्तीय स्थिरता की पूरकता में हमारे विश्वास को मजबूत करता है। पूंजीगत खर्च पर सरकार के निरंतर प्रयास पर दास ने कहा, इससे अतिरिक्त क्षमता पैदा हो रही है और कॉरपोरेट निवेश चक्र में सुधार हो रहा है।