शेयर बाजार में सूचीबद्ध कंपनियों में सरकारी कंपनियों ने कमाया सर्वाधिक लाभ 

मुंबई- देश की तमाम सरकारी और प्राइवेट कंपनियों ने अपने तिमाही नतीजे जारी कर शेयर बाजार को खुश करने का काम किया है। 54 सरकारी लिस्टिड कंपनियों में से 51 कंपनियों को काफी मुनाफा हुआ है। जबकि 3 कंपनियां ऐसी रही है जो नुकसान में रही। खास बात तो ये है देश में सबसे ज्यादा प्रॉफिट और टैक्स से कमाई कराने के मामले में एसबीआई और एलआईसी रही।  

55,648 करोड़ रुपये के शुद्ध फायदे के साथ देश का सबसे बड़ा बैंक एसबीआई टॉप है। जबकि इस वित्तीय वर्ष में इसने 18,840 करोड़ रुपये का टैक्स भी चुकाया है। भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) दूसरी सबसे ज्यादा लाभदायक सरकारी कंपनी है। वित्त वर्ष 2023 में भारत की सबसे बड़ी बीमा कंपनी का शुद्ध लाभ 773 फीसदी बढ़कर 35,997 करोड़ रुपये देखने को मिला जो वित्त वर्ष 2022 में 4,125 करोड़ रुपये था।  

खत्म हुए वित्त वर्ष में एलआईसी ने 5,466 करोड़ रुपये के टैक्स का भुगतान भी किया है। तेल एवं प्राकृतिक गैस निगम यानी ओएनजीसी का स्थान तीसरे पर रहा। वित्त वर्ष 2022 में जहां कंपनी का प्रोफिट 45,522 करोड़ रुपये जो वित्त वर्ष 2023 में कम होकर 35,440 करोड़ रुपये रह गया। वैसे कंपनी ने पूरे वित्त वर्ष में 10,273 करोड़ रुपये का टैक्स भुगतान भी किया। 

कोल इंडिया 28,165 करोड़ रुपये के मुनाफे के साथ चौथे पायदान पर है।कंपनी के शुद्ध लाभ में वित्त वर्ष 2022 के 17,358 करोड़ रुपये के प्रॉफिट के मुकाबले 62 फीसदी का इजाफा देखने को मिला। कंपनी ने बीते वित्त वर्ष में 9,876 करोड़ रुपये का टैक्स भी भरा। इसके बाद एनटीपीसी का नंबर आता है, जिसका शुद्ध लाभ पिछले वित्त वर्ष के 16,676 करोड़ रुपये से 1.4 फीसदी बढ़कर 16,912 करोड़ रुपये हो गया। एनटीपीसी ने वित्त वर्ष 23 में 6,796 करोड़ रुपये का टैक्स चुकाया। 

वित्त वर्ष 2023 में पावर फाइनेंस कॉर्पोरेशन का मुनाफा 13 प्रतिशत बढ़कर 15,889 करोड़ रुपये हो गया। पावर ग्रिड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया वित्त वर्ष 2023 में 15,417 करोड़ रुपये का नेट प्रॉफिट दर्ज किया है। वैसे यह वित्त वर्ष 2022 के मुकाबले 8 फीसदी कम है। 14,905 करोड़ रुपये के नेट प्रॉफिट के साथ बैंक ऑफ बड़ौदा 8वें पायदान पर है। वित्त वर्ष 2022 के मुकाबले में 90 फीसदी का इजाफा देखने को मिला है। 

केनरा बैंक 11,255 करोड़ रुपये के शुद्ध मुनाफे में 9वें पायदान पर है। वित्त वर्ष 2022 के मुकाबजे 84 फीसदी की तेजी देखने को मिली है। आरईसी का लाभ 11,167 करोड़ रुपये रहा और इसमें वित्त वर्ष 2022 के मुकाबले 11 फीसदी की तेजी देखने को मिली। 

बीएसई पीएसयू इंडेक्स में हिस्सेदारी रखने वाले 54 शेयरों ने वित्त वर्ष 2023 में 3.40 लाख करोड़ रुपये का मुनाफा दर्ज किया, जो वित्त वर्ष 2022 में 3.09 लाख करोड़ रुपये से 10 फीसदी ज्यादा था। इन सरकारी कंपनियों ने बीते वित्त वर्ष में 1.01 लाख करोड़ रुपये का टैक्स दिया है। जबकि वित्त वर्ष 2022 में 93,749 करोड़ रुपये देखने को मिला था. इसका मतलब है वित्त वर्ष 2023 में सरकारी कंपनियों 8 फीसदी टैक्स ज्यादा दिया है। 

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