आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस से पूरी दुनिया में जा रही हैं नौकरियां, लोग हो रहे बेरोजगार
मुंबई- इस समय पूरी दुनिया में एआई यानी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल तेजी से बढ़ रहा है। एआई को लगातार पहले से और ज्यादा एडवांस बनाया जा रहा है। इस तकनीक से काफी काम आसान हुए हैं। वहीं कम समय में पूरे किए जा रहे हैं। कंपनियां एआई का ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल करने लगी हैं।
भारतीय मूल की जानी मानी अर्थशास्त्री और अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष की डिप्टी मैनेजिंग डायरेक्टर गीता गोपीनाथ ने जनरेटिव आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को लेकर चिंता जताई है। गीता गोपीनाथ ने बड़ी चेतावनी दी है। गीता के मुताबिक, एआई से सावधान रहने की जरूरत है। उन्होंने आगाह किया है कि नई तकनीक से नौकरियों पर संकट आ सकता है। इसके लिए अभी से नियम बनाने की जरूरत है। गीता गोपीनाथ ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के कारण नौकरियों में कमी आने की चेतावनी दी है।
गोपीनाथ के मुताबिक, आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के चलते आने वाले दिनों में लेबर मार्केट में कई प्रकार की समस्यायें खड़ी हो सकती है। उन्होंने पॉलिसीमेकर्स से इस टेक्नोलॉजी को नियंत्रित करने के लिए जल्द से जल्द नियम बनाने की अपील की है। गीता गोपीनाथ ने इस साक्षात्कार में यह बात कही है। उन्होंने कहा कि हम चाहते हैं कि सरकारें, संस्थाएं और पॉलिसीमेकर्स रेग्यूलेशन बनाने के साथ लेबर मार्केट में आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के चलते पैदा होने वाले व्यवधान से निपटने के लिए जल्द से जल्द तैयारी शुरू कर दें।
गीता गोपीनाथ के मुताबिक, सरकारों को एक ऐसी टैक्स पॉलिसी तैयार करनी चाहिए, जिससे ऐसी कंपनियों को बढ़ावा न मिले जो कर्मचारियों के बदले मशीनों का इस्तेमाल करते हों। ऐसी कंपनियों से गीता ने पॉलिसीमेकर्स को सतर्क रहने के लिए कहा है। उनके मुताबिक, नई टेक्नोलॉजी के मामले में चुनौती देना असंभव है। उन्होंने कहा कि सरकारों को सोशल सेफ्टी नेट्स को बढ़ावा देना चाहिए। कर्मचारियों को सामाजिक सुरक्षा को ध्यान में रखना चाहिए।