पेरिस के बराबर पहुंच गया दिल्ली-लेह का हवाई जहाज का किराया 

मुंबई- गो फर्स्ट के बंद होने से देश के कई पर्यटन वाले स्थानों का हवाई या आसमान छूने लगा है। दिल्ली से लेह का वापसी किराया अब पेरिस के बराबर 52,000 रुपये पहुंच गया है। गर्मियों के इस सीजन में ज्यादा मांग होने से किराये में लगातार वृद्धि हो रही है। 

पिछले सीजन की तुलना में इस गर्मी में हवाई किराए पहले से ही अधिक हैं, क्योंकि एयरलाइन कंपनियां पूरी क्षमता से काम नहीं कर पा रही हैं। घरेलू हवाई यात्रा मार्च के बाद से अब तक के सबसे ऊंचे स्तर पर पहुंच गई है और सभी एयरलाइंस 90 फीसदी से अधिक ऑक्युपेंसी दर्ज कर रही हैं। 

गो फर्स्ट ने 3 मई से अपना परिचालन बंद कर दिया है। इसका ज्यादा परिचालन पर्यटन वाले क्षेत्रों पर होता था। आंकड़े बताते हैं कि मई में इसने जो शेड्यूल जारी किया था, उसके मुताबिक, दिल्ली से श्रीनगर के बीच 199 फ्लाइट्स, दिल्ली से लेह के लिए 182 फ्लाइट्स और मुंबई से गोवा के लिए 156 फ्लाइट्स चलाने वाली थी। 

गो फर्स्ट दिल्ली-श्रीनगर और मुंबई-गोवा के बीच कुल 30 में से 6 फ्लाइट्स, दिल्ली-मुंबई के लिए 52 में से 6 फ्लाइट्स और दिल्ली-लेह के बीच 13 में से पांच फ्लाइट्स चलाती थी। इसकी कुल बाजार हिस्सेदारी 7 फीसदी है। जानकारों का मानना है कि आगे और ज्यादा किराया बढ़ सकता है, क्योंकि सरकार या नियामक के पास किराये को रेगुलेट करने का कोई अधिकार नहीं है।  

हालांकि, विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने पिछले दिनों विमानन कंपनियों के अधिकारियों की बैठक बुलाकर किराये को औसत रखने की सलाह दी थी, लेकिन यह अभी भी तेजी से बढ़ रहा है। दिल्ली-लेह के बीच 3-10 मई के बीच किराया 13,674 रुपये था, जो 20-28 अप्रैल की तुलना में 125 फीसदी अधिक था। दिल्ली से श्रीनगर के बीच 86 फीसदी बढ़कर यह 16,898 रुपये हो गया था। 

यात्रियों की संख्या बढ़ने से भारतीय विमानन कंपनियां चालू वित्त वर्ष में 115 नए विमान अपने बेड़े में जोड़ने की तैयारी में हैं। इसमें सबसे ज्यादा इंडिगो और एअर इंडिया जोड़ेंगी। इंडिगो ने हाल में कहा था कि वह 45-50 नए विमान अपने बेड़े में शामिल करेगी जो घरेलू रूट पर चलेंगे। 

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