मॉर्गन स्टेनली का दावा- 2013 वाला भारत नहीं, मोदी के नेतृत्व में बदला हिंदुस्तान 

मुंबई- अमेरिकी ब्रोकरेज कंपनी ने भारत को लेकर जबरदस्त दावा किया है। इसने कहा है यह 2013 वाला भारत नहीं है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत बदल गया है। आज विश्व व्यवस्था में एक स्थान हासिल करने की ओर है। भारत एशिया और वैश्विक वृद्धि में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाने को तैयार है। दस साल में दस क्षेत्रों के आधार पर देश में जबरदस्त सकारात्मक परिवर्तन हुआ है। 

रिपोर्ट के मुताबिक, भारत एक दशक से कम समय में बदल गया है। यह भारत 2013 से अलग है। 10 साल के छोटे से अरसे में भारत ने दुनिया की व्यवस्था में स्थान बना लिया है। प्रधानमंत्री मोदी के पद संभालने के बाद 2014 से हुए 10 बड़े बदलावों का जिक्र करते हुए ब्रोकरेज कंपनी ने कहा कि भारत में कॉरपोरेट कर की दर को अन्य देशों के बराबर किया गया है। इसके अलावा बुनियादी ढांचे में निवेश बढ़ रहा है। साथ ही वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) लगातार रिकॉर्ड बना रहा है। 

मॉर्गन स्टेनली ने बुधवार को जारी रिपोर्ट में कहा, विशेषरूप से पहले विदेशी निवेशक भारत के बारे में जो बातें कहते थे, 2014 के बाद से हुए उल्लेखनीय बदलावों के आधार पर उनके कथन को नजरअंदाज करने जैसा है। रिपोर्ट में इन आलोचनाओं को खारिज किया गया है कि दुनिया की दूसरी सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था होने और पिछले 25 साल के दौरान सबसे बेहतर प्रदर्शन करने वाले शेयर बाजार के बावजूद भारत अपनी क्षमता के अनुरूप नतीजे नहीं दे सका है। 

मॉर्गन स्टेनली की रिसर्च ने आपूर्ति नीतियों के सुधारों, अर्थव्यवस्था के औपचारीकरण, रियल एस्टेट के नियमन और विकास, अधिनियम, लाभार्थियों के खातों में सब्सिडी ट्रांसफर को डिजिटल बनाना, दिवालियापन कोड, कम महंगाई को लक्ष्य बनाना, एफडीआई पर फोकस, कॉर्पोरेट फायदे को सरकार का समर्थन और रिपोर्ट फाइल करते समय उच्च स्तर पर बहुराष्ट्रीय कंपनियों की भावना जैसे 10 बड़े बदलावों के आधार पर यह आकलन किया है। 

विनिर्माण और पूंजीगत खर्च में जीडीपी के प्रतिशत के रूप में लगातार वृद्धि हुई है। निर्यात बाजार हिस्सेदारी 2031 तक दोगुना से ज्यादा बढ़कर 4.5 फीसदी होने का अनुमान है। महंगाई में कम अस्थिरता और कम ब्याज दर के बाद खपत में एक बड़ा बदलाव आया है। इन सभी के कारण कॉरपोरेट और शेयर बाजार के निवेशकों के फायदे में तेजी आई है। भारतीय शेयर अधिक रक्षात्मक हो गए हैं। 

सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के प्रतिशत के रूप में विनिर्माण और पूंजी निवेश में लगातार वृद्धि से अनुमान है कि 2031 तक जीडीपी में दोनों की हिस्सेदारी बढ़ जाएगी। रिपोर्ट में कहा गया है, चूंकि भारत की प्रति व्यक्ति आय वर्तमान में 2,200 डॉलर से बढ़कर 2032 तक लगभग 5,200 डॉलर हो जाएगी। इसलिए खपत को बढ़ावा देने के साथ इसमें तेज बदलाव आएगा। हम उम्मीद करते हैं कि महंगाई दर कम और अस्थिर रहेगी।  

भारत का संरचनात्मक परिवर्तन बचत-निवेश की गतिशीलता को तेजी देगा। जीडीपी में मुनाफे का हिस्सा 2020 में अब तक के सबसे निचले स्तर से दोगुना हो गया है और आगे और बढ़ेगा। सरकार के आपूर्ति पक्ष के सुधारों से हम निवेश में एक बड़ी वृद्धि देख रहे हैं जिससे कर्ज की मांग भी बढ़ेगी। 

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