जीडीपी की तुलना में राजकोषीय घाटा 6.4 फीसदी, सरकार के लक्ष्य के भीतर
मुंबई- देश का राजकोषीय घाटा वित्त वर्ष 2022-23 में जीडीपी के अनुपात में 6.4 फीसदी रहा है। यह सरकार के लक्ष्य के मुताबिक ही है। वित्त वर्ष 2021-22 में यह 6.71 फीसदी था। बुधवार को लेखा महानियंत्रक (सीजीए) ने बताया कि केंद्र सरकार का इस दौरान 17.33 लाख करोड़ रुपये रहा है। यह संशोधित लक्ष्य 17.55 लाख करोड़ से 22,188 करोड़ रुपये कम है।
सीजीए ने कहा, राजस्व घाटा जीडीपी का 3.9 प्रतिशत था, जबकि प्रभावी राजस्व घाटा 2.8 प्रतिशत था। वित्त वर्ष 2022-23 में सरकार ने पहले 16.61 लाख करोड़ रुपये के राजकोषीय घाटे का लक्ष्य रखा था। बाद में इस लक्ष्य को बढ़ा दिया गया था।
प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (पीएमजीकेएवाई) का राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम में विलय होने के बाद खाद्य और उर्वरक सब्सिडी बिल कम हो गया, जिससे राजकोषीय घाटा लक्ष्य के भीतर ही रहा।
वित्त वर्ष 2022-23 में सरकार की कुल प्राप्तियां 24.56 लाख करोड़ रुपये रहीं। इसमें 20.97 लाख करोड़ टैक्स, 2.86 लाख करोड़ गैर टैक्स और 72,187 करोड़ अन्य रास्तों से मिले।
सरकार का इस दौरान कुल खर्च 41.89 लाख करोड़ रुपये रहा। इसमें से 34.52 लाख करोड़ राजस्व खाता और 7.36 लाख करोड़ कैपिटल खाता का खर्च रहा। राजस्व खर्च में 9.28 लाख करोड़ ब्याज के रूप में और 5.31 लाख करोड़ बड़ी सब्सिडी के रूप में खर्च हुए।