आरबीआई ने कहा, बैंक सदाबहार लोन की नीतियों से बचें, यह तरीका खतरनाक 

मुंबई- भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर श​क्तिकांत दास ने बैंकों को वृद्धि के लिए आक्रामक रणनीतियों और सदाबहार लोन को लेकर आगाह किया है। इसके साथ ही उन्होंने बैंकों से कारोबारी संचालन की खामियों को दूर करने के लिए कहा है। सार्वजनिक और निजी क्षेत्र के बैंकों के बोर्ड सदस्यों को संबो​धित करते हुए दास ने ये बातें कहीं। 

दास ने कहा कि यह देखा गया है कि कुछ बैंक निगरानी प्रक्रिया के दौरान लोन की ​स्थिति को छिपाने के लिए अनूठे तरीकों का सहारा ले रहे थे, जिनमें से एक है लोन की अदायगी नहीं होने पर उसे सदबहार तरीके से आगे बढ़ाया दिखाया जा रहा था। 

उन्होंने कहा, ‘इस तरह की कार्यप्रणाली से सवाल उठता है कि ऐसे स्मार्ट तरीके किसके हित में काम करते हैं। मैंने इन उदाहरणों का उल्लेख ऐसी प्रणालियों पर नजर रखने के लिए आप सभी को संवेदनशील बनाने के लिए किया है।’ 

सदाबहार लोन उसे कहा जाता है जिसमें बैंक कृत्रिम तरीके से ऋण को मानक ऋण बनाए रखते हैं। बीते दशक में गैर-निष्पादित आ​स्तियों (NPA) में बढ़ोतरी के पीछे यह एक प्रमुख कारण था। 2016 में नियामक ने बैंक के खातों की विशेष समीक्षा की थी, जिसे परिसंप​त्ति गुणवत्ता समीक्षा के तौर पर जाना जाता है। इस समीक्षा में ऐसे ऋण पाए गए जिन्हें NPA में वर्गीकृत करने की जरूरत थी। इससे फंसे कर्ज में इजाफा हुआ है। 

गवर्नर ने कहा कि 16.1 फीसदी पूंजी पर्याप्तता अनुपात के साथ बैंकिंग क्षेत्र मजूबत और ​स्थिर बना हुआ है लेकिन इसमें आत्ममुग्धता की गुंजाइश नहीं है। दास ने कहा, ‘हमें यह ध्यान रखना चाहिए कि जब चीजें ठीक चल रही होती हैं तो जो​खिमों को अक्सर अनदेखा या भुला दिया जाता है।’ RBI गवर्नर ने दिल्ली में 22 मई को सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के बोर्ड सदस्यों को संबो​धित किया था और 29 मई को निजी क्षेत्र के बैंकों के बोर्डों के साथ उन्होंने बैठक की। 

दास ने कहा कि बैंकों का कारोबारी मॉडल मजबूत और कुशल होना चाहिए। साथ ही उन्होंने बैंकों को आक्रामक वृद्धि की रणनीति के प्रति आगाह करते हुए परिसंपत्ति-देनदारी प्रबंधन पर जोर दिया। उन्होंने कहा, ‘अति आक्रामक वृद्धि, ऋण और जमा दोनों तरह के उत्पादों का कम या अ​धिक मूल्य निर्धारण तथा जमा/उधारी प्रोफाइल में पर्याप्त विविधीकरण का अभाव बैंकों को उच्च जो​खिम में डाल सकता है।’ 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *