देश में 9 साल में 300 से बढ़कर 90 हजार हुई स्टार्टअप कंपनियों की संख्या
मुंबई- टेक सेक्टर में फंडिंग की कमी और नई नियुक्तियों में सुस्ती के बीच देश में पिछले 9 साल में स्टार्टअप्स की संख्या में भारी वृद्धि देखी गई है। ऐसा किसी दूसरे देश में देखने को नहीं मिला है। कुछ वर्षों में ही भारत, अमेरिका और चीन के बाद दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप इकोसिस्टम बन गया है।
भारतीय स्टार्टअप इकोसिस्टम एक लगातार आगे बढ़ रही मालगाड़ी की तरह रहा है। इसके ट्रैक अधिग्रहण तथा खुले निवेश कार्यक्रम से बने हैं, जिसे कॉर्पोरेट के सहयोग और सरकार के समर्थन से बिछाया गया है। संस्थापक और निवेशक समान रूप से इसे गति प्रदान कर रहे हैं।
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने पिछले महीने कहा था कि पिछले 9 वर्षो में देश में स्टार्टअप की संख्या 300 गुना बढ़ गई है। राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रीय नवाचार पुरस्कार कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सिंह ने कहा कि 2014 से पहले भारत में सिर्फ 350 स्टार्टअप थे, जिनकी संख्या अब बढ़कर 90,000 से अधिक हो गई है।
फंडिंग में कमी के बावजूद, भारत वैश्विक स्तर पर तीसरा सबसे बड़ा टेक स्टार्टअप इकोसिस्टम बना हुआ है। पिछले साल 1,300 से अधिक सक्रिय टेक स्टार्टअप जोड़े गए जिससे सक्रिय टेक स्टार्टअप्स की कुल संख्या 25,000-27,000 हो गई। भारत ने 2022 में 23 यूनिकॉर्न भी जोड़े। यह दुनिया में दूसरा सबसे बड़ा आंकड़ा है।
नैसकॉम की अध्यक्ष देबजानी घोष के अनुसार, मौजूदा मंदी के बावजूद, नवोन्मेषी कंपनियों के लिए प्रचुर अवसर हैं, जो उभरती हुई तकनीकों का लाभ उठा रही हैं। पिछले साल अगस्त में भारत में यूनिकॉर्न की संख्या 100 हो गई थी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने मासिक रेडियो संबोधन मन की बात में इस उपलब्धि का जश्न मनाते हुए कहा था देश में यूनिकॉर्न की संख्या 100 के आंकड़े तक पहुंच गई है। आप निश्चित रूप से जानते हैं कि एक यूनिकॉर्न कम से कम साढ़े सात हजार करोड़ रुपये का है। इन यूनिकॉर्न का कुल वैल्यूएशन 25 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा है। कुल यूनिकॉर्न में से 44 पिछले साल बने थे। इतना ही नहीं, इस साल तीन-चार महीनों में 14 और यूनिकॉर्न बन गए।
छोटे शहरों और कस्बों से भी उद्यमी उभर रहे हैं, जो दिखाता है कि भारत में जिसके पास इनोवेटिव आइडिया है, वही वेल्थ क्रिएट कर सकता है। इसके अलावा खास बात यह है कि देश में 18 प्रतिशत स्टार्टअप में कम से कम एक महिला संस्थापक या सह-संस्थापक है और कम से कम 36 मौजूदा या संभावित यूनिकॉर्न में कम से कम एक महिला संस्थापक या सह-संस्थापक है।