कारोबार के लिए अनुपालन बोझ और मुकदमों को कम करने की जरूरत
मुंबई- जाने माने बैंकर के वी कामत ने कहा है कि देश में व्यवसायों के लिए अनुपालन बोझ को ठीक करने और मुकदमों को कम करने की जरूरत है। सरकार प्रवर्तित नेशनल बैंक फॉर फाइनेंसिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर एंड डेवलपमेंट के चेयरमैन कामत ने कहा सरकार को मुकदमों कर कानूनों से संबंधित मुद्दों पर ध्यान देना चाहिए।
उन्होंने कहा, जब सरकार ने व्यवसायों के लिए विभिन्न प्रक्रियाओं के सरलीकरण की बात की तो उसने खुद ही अनुपालन के मोर्चे पर मुद्दों की पहचान की है। भारत का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) वैश्विक भावना से प्रभावित हुआ है, जहां अस्थिरता के कारण निर्णयों में देरी हो रही है। साथ ही निजी इक्विटी और वेंचर कैपिटल क्षेत्र में वित्त पोषण की कमी है।
कामत ने कहा, निजी पूंजीगत निवेश तब होगा, जब कॉरपोरेट क्षमता उपयोग 85 फीसदी की सीमा को पार होगा। उद्योग अपने निवेश के फैसले को तब तक के लिए टाल रहे हैं जब तक कि उनको बेहतर मांग नहीं दिखेगी। हालांकि, मांग सुस्त नहीं है।
उन्होंने कहा कि जीडीपी में डिजिटल अर्थव्यवस्था की हिस्सेदारी निश्चित रूप से लंबी अवधि में 6-7 प्रतिशत के मौजूदा स्तर से बढ़कर 20 प्रतिशत से अधिक हो जाएगी। इससे यह विकास का एक प्रमुख चालक बन जाएगा। कामत ने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और जनरेटिव एआई के आगमन से व्हाइट-कॉलर रोजगार में कोई बहुत असर नहीं होगा। हालांकि, ब्लू कॉलर जॉब्स पर इसके प्रभाव का अनुमान अभी नहीं लगाया जा सकता है।