पाम तेल आयात घटकर पहुंच सकता है 27 माह के निचले स्तर पर

मुंबई। पाम तेल का आयात इस महीने गिरकर 27 माह के निचले स्तर पर पहुंच सकता है। आयातकों ने इस बार पाम तेल के कार्गो को रद्द कर सोया तेल और सूरजमुखी तेल का आयात किया है। 

डीलरों के मुताबिक, वनस्पति तेलों के सबसे बड़े आयातक भारत के इस फैसले से पाम के तेल की कीमतों में भी गिरावट आ सकती है। दुनिया के दो सबसे बड़े पाम तेल उत्पादक मलयेशिया और इंडोनेशिया अन्य खाद्य तेलों की बाजार हिस्सेदारी हासिल करने के लिए पाम तेल के उत्पादन को कम कर सकते हैं। 

मई के पहले 20 दिनों में करीब 2.61 लाख टन पाम तेल तमाम भारतीय पोर्ट पर डिस्चार्ज किए गए हैं जबकि अगले 11 दिन में 1.50 लाख टन को और डिस्चार्ज किया जा सकता है। भारत ने नवंबर से अब तक के 6 महीने में औसत 8.18 लाख टन मासिक पाम तेल का आयात किया है। अप्रैल में, भारतीय खरीदारों ने कई वर्षों में पहली बार बड़ी मात्रा में पाम तेल की खरीद को रद्द करने का विकल्प चुना था। 

एशियाई खरीदार पारंपरिक रूप से कम लागत और त्वरित शिपिंग समय के कारण पाम तेल पर भरोसा करते हैं। लेकिन पाम तेल अन्य खाद्य तेलों की तुलना में प्रीमियम पर चला गया है। प्रतिद्वंद्वी तेलों के मुकाबले पाम ऑयल का डिस्काउंट दिसंबर तिमाही में 500 डॉलर प्रति टन टा, लेकिन इस साल की शुरुआत में इसने प्रीमियम पर कारोबार करना शुरू कर दिया, क्योंकि अत्यधिक बारिश से इंडोनेशिया और मलयेशिया से उत्पादन कम हो गया था। 

डीलरों के मुताबिक, मई में सूरजमुखी तेल का आयात एक महीने पहले के मुकाबले 28% बढ़कर 319,00 टन हो सकता है, जबकि सोया तेल का आयात 16% बढ़कर 305,000 टन हो सकता है। डीलरों ने कहा, खरीदारों को आकर्षित करने के लिए आने वाले महीनों में पाम तेल की कीमतों में अधिक गिरावट आएगी। 

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