इस साल गेहूं की सरकारी खरीद में आ सकती है 20 फीसदी की गिरावट
मुंबई- स्थानीय कीमतों में उछाल के बाद पिछले कुछ दिनों में सरकारी खरीद धीमी हो गई है। ऐसे में इस साल गेहूं की सरकारी खरीद प्रारंभिक अनुमान से 20 फीसदी घट सकती है।
उम्मीद से कम गेहूं खरीद से कीमतों में भी कमी आ सकती है। ऐसे में सरकार के हस्तक्षेप करने की योजना भी सीमित हो सकती है। एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने बताया, गेहूं की खरीद इस साल लगभग 2.7 करोड़ टन के करीब हो सकती है, जो पिछले साल की खरीद से काफी अधिक है।
भारत की गेहूं की खरीद 2022 में एक साल पहले की तुलना में घटकर 1.88 करोड़ टन से अधिक हो गई थी। तापमान में अचानक वृद्धि के बाद उत्पादन में गिरावट आने से भारत ने मई 2022 में गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था।
पिछले एक दशक में औसत गेहूं खरीद 3.15 करोड़ टन रही है। सरकार शुरू में किसानों से नए सीजन का 3.41 करोड़ टन गेहूं खरीदना चाह रही थी क्योंकि उत्पादन बढ़कर रिकॉर्ड 11.2 करोड़ टन होने का अनुमान है।
एक अन्य सरकारी अधिकारी ने कहा, सरकार ने अब तक 2.6 करोड़ टन गेहूं की खरीद की है और हम अभी भी किसानों से खरीद रहे हैं। इस महीने में मध्य भारत में गेहूं की कीमतें 5 फीसदी तक बढ़ कर 2,325 रुपये प्रति किलो पर पहुंच गई हैं। सरकार 2,125 रुपये के भाव से खरीद रही है। इस साल कई किसान अपनी उपज को इस उम्मीद में रोके हुए हैं कि आपूर्ति घटने पर पिछले साल की तरह कीमतों में तेजी आएगी।