वालमार्ट भारत से जूता, खिलौना और साइकल सहित खरीदेगी तमाम माल 

मुंबई-अंतरराष्ट्रीय बाजार में भारतीय सामान का डंका बजने लगा है। यही वह है कि दुनिया की बड़ी-बड़ी कंपनियां भारत से सामान मंगा रही है। इसी क्रम में वॉलमार्ट भारत से बड़े पैमाने पर सामान खरीदने की तैयारी कर रही है। वॉलमार्ट रेवेन्यू के लिहाज से दुनिया की सबसे बड़ी कंपनी है। अमेरिका की यह दिग्गज रिटेल कंपनी भारतीय सप्लायर्स से खिलौने, जूते और साइकिल खरीदने पर विचार कर रही है।  

कंपनी का लक्ष्य भारत से अपना निर्यात 2027 तक बढ़ाकर 10 अरब डॉलर करने का है। कंपनी साथ ही फूड, फार्मास्युटिकल्स, चिकित्सा, परिधान आदि श्रेणियों में नए सप्लायर्स तैयार करना चाहती है। आइकिया जैसी वैश्विक खुदरा कंपनियां पहले से ही अपने अंतरराष्ट्रीय बाजार के लिए भारत से खिलौनों की खरीद कर रही हैं। 

वॉलमार्ट के प्रवक्ता ने कहा कि कंपनी फूड, फार्मास्युटिकल्स, हेल्थ एंड वेलनेस और परिधान आदि श्रेणियों में नए आपूर्तिकर्ता तैयार करना चाहती है। वॉलमार्ट का मुख्यालय बेंटनविले, अरकंसास में है। कंपनी के अधिकारियों ने यहां विभिन्न घरेलू खिलौना विनिर्माताओं के साथ बैठक की है।  

कंपनी ने खिलौना विनिर्माताओं को अपनी जरूरतों और अपेक्षित गुणवत्ता मानकों के बारे में बताया क्योंकि वह खरीद के लिए घरेलू खिलौना विनिर्माताओं के साथ सीधे संपर्क में है। प्रवक्ता ने कहा कि उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्द्धन विभाग (DPIIT) ने इसे साकार करने में भूमिका निभाई है। विभाग के अधिकारियों ने ही वॉलमार्ट और खिलौना संघ को साथ लाने का काम किया है। 

अप्रैल-दिसंबर, 2022-23 के दौरान भारत ने 1017 करोड़ रुपये के खिलौनों का निर्यात किया। इससे पहले 2021-22 में देश से 2601 करोड़ रुपये के खिलौनों का निर्यात हुआ था। अप्रैल-दिसंबर 2013-14 में देश से 167 करोड़ रुपये के खिलौनों का निर्यात हुआ था। 2021-22 में देश में खिलौनों के निर्यात में 70 फीसदी गिरावट आई और इस दौरान केवल 870 करोड़ रुपये के खिलौने आयात हुए। फरवरी 2020 में सरकार ने खिलौनों पर इम्पोर्ट ड्यूटी 20 फीसदी से बढ़ाकर 60 फीसदी कर दी थी और इस साल इसे बढ़ाकर 70 फीसदी कर दिया गया है। इसका मकसद घरेलू खिलौना उद्योग को बढ़ावा देना है।

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