इस तरीके से सालाना 75,000 रुपये का टैक्स बचाने का है विकल्प
आमतौर पर जिन लोगों की कमाई ज्यादा रहती है, वे टैक्स बचाने के सारे विकल्पों को अपनाते तो हैं, फिर भी उनकी टैक्स की देनदारी ज्यादा हो जाती है। ऐसे में आप चाहें तो कंपनी को अपने वेतन के नियमों में बदलाव करने के लिए कह सकते हैं।
ऐसे बहुतेरे नौकरीपेशा वाले लोग हैं, जो टैक्स बचाने के लिए साल भर के निवेश या अन्य दावों को जोड़ते हैं। बावजूद साल के अंत में जब वे इसका गुणा भाग करते हैं तो उनको लगता है कि ज्यादा टैक्स कट गया है। आप सभी कटौतियों का दावा नहीं करते हैं तो और भी ज्यादा कर कटने की संभावना बनी रहती है। यानी कमाई का एक बड़ा हिस्सा टैक्स के रूप में भुगतान करते हैं। ऐसे में आप कंपनी से अपने मुआवजे के पैकेज में बदलाव करवा सकते हैं। इस बदलाव से सालाना आप 75,000 रुपये का टैक्स बचा सकते हैं।
मान लीजिए आपको सालाना दो लाख रुपये का लीव ट्रैवल अलाउंस (एलटीए) मिलता है, लेकिन पूरी राशि का उपयोग नहीं कर पाते हैं। ऐसे में इस राशि के लगभग 1.4 लाख रुपये पर कर लगता है। साथ ही आपको 60,000 रुपये के भोजन कूपन और एक चिकित्सा भत्ता भी मिलता है। कुछ साल पहले इस रकम को भी कर के दायरे में ला दिया गया था। ऐसी स्थिति में आपको कंपनी से चिकित्सा भत्ता हटाने और एलटीए को घटाकर 63,000 रुपये करने के लिए कहना चाहिए और इसकी जगह पर गैजेट भत्ता मांगना चाहिए।
धारा 17(2) के तहत, कंपनी के नाम से खरीदे गए और व्यक्तिगत उपयोग के लिए कर्मचारी को दिए गए गैजेट और उपकरणों पर मूल्य के केवल 10 फीसदी पर कर लगाया जाता है। अगर आपको कंपनी 1.5 लाख रुपये का गैजेट अलाउंस देती है तो आपका टैक्स 44,000 रुपये तक कम हो सकता है। इसके बाद फिर आपको अपने निवेश में फेरबदल भी करना चाहिए। अगर आप पहले से ही अपनी कंपनी के जरिये नई पेंशन व्यवस्था (एनपीएस) में निवेश कर रहे हैं तो इसे बदलने की जरूरत है।
अगर आप धारा 80 सीसीडी(1बी) के तहत कम लागत वाली पेंशन योजना में अतिरिक्त 50,000 रुपये डालते हैं, तो वेतन में से 15,600 रुपये और बचाए जा सकते हैं। आपकी उम्र 30 साल के अंदर है तो ऐसी स्थिति में एक आक्रामक निवेश का विकल्प चुनना चाहिए जो इक्विटी फंडों में 75 फीसदी तक का निवेश करे। इक्विटी फंडों में आक्रामक निवेश से आपको बेहतर रिटर्न मिल सकता है, हालांकि इसमें जोखिम भी ज्यादा होता है। पर उम्र के लिहाज से जोखिम लेने की क्षमता भी ज्यादा होती है।
आपको ज्यादा टैक्स बचाने के लिए मेडिकल बीमा में प्रीमियम भुगतान भी एक अच्छा विकल्प है। आपके पिता अगर वरिष्ठ नागरिक हैं तो उनके लिए चिकित्सा बीमा के लिए भुगतान किए गए 27,000 रुपये पर कटौती का दावा किया जा सकता। साथ ही अपनी मां के साथ-साथ पत्नी को भी इस योजना में शामिल करना चाहिए यानी बीमा खरीदना चाहिए। अगर सालाना 48,000 का अतिरिक्त प्रीमियम आप जमा कर रहे हैं तो इस पर करीब 15,000 रुपये का टैक्स आप बचा सकते हैं।
ध्यान रखें कि आप जो भी निवेश करते हैं उसके लिए अंतिम समय का इंतजार नहीं करें। आमतौर पर लोग फरवरी या मार्च में निवेश करने में बहुत तेजी दिखाते हैं। ऐसे में कई सारे निवेश के विकल्प आप भूल भी सकते हैं। इसलिए अप्रैल से ही आपको धीरे-धीरे सारे विकल्पों को आजमाकर टैक्स बचाने की योजना पर काम कर करना चाहिए। हालांकि, इसके लिए बेहतर तरीकी यही है कि पुरानी कर व्यवस्था को चुनें क्योंकि उसमें सारी छूट आपको मिलती है।