सरकारी बैंकों ने तोड़े सारे रिकॉर्ड, पूरे वित्त वर्ष में 1.05 लाख करोड़ का लाभ  

मुंबई- सरकारी बैंकों ने इस बार सालाना आधार पर मुनाफा कमाने में सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। कुल 12 सरकारी बैंकों ने पूरे वित्त वर्ष में 1.05 लाख करोड़ रुपये का मुनाफा कमाए हैं। सालाना मुनाफे में करीब आधा हिस्सा तो अकेले एसबीआई का है जो उसने पहली बार कमाया है। मार्च तिमाही में इन बैंकों का मुनाफा 34,643 करोड़ रुपये रहा।  

रिकॉर्ड मुनाफे के पीछे कई वजहें हैं। एक तो बैंकों ने अपनी बैलेंसशीट को साफ किया और इस वजह से उन्होंने लाखों करोड़ के कर्ज को राइट ऑफ कर दिया यानी उसे बैलेंसशीट से हटा दिया। 6 साल में 9 लाख करोड़ के कर्ज राइट ऑफ यानी बट्‌टे खाते में चले गए। कोरोना के बाद कर्ज की मांग बढ़ी तो बैंकों ने जमकर कर्ज बांटे। इसके साथ ही रिटेल लोन में जमकर तेजी आई। इसमें खासकर होम लोन, पर्सनल लोन, शिक्षा, ऑटो और मॉर्गेज लोन रहे।  

बैंकों ने पिछले वित्त वर्ष में बुरे फंसे कर्जों (एनपीए) में भी काफी कमी की है। अब 12 सरकारी बैंकों का शुद्ध एनपीए औसतन 1.43 फीसदी के स्तर पर है। इसमें सबसे ज्यादा पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) (2.72 फीसदी) सेंट्रल बैंक (1.77 फीसदी), यूनियन बैंक (1.70 फीसदी), केनरा बैंक (1.73 फीसदी), पंजाब एंड सिंध बैंक (1.84 फीसदी) और इंडियन ओवरसीज बैंक (1.83 फीसदी हैं) 

सरकारी बैंक लगातार तीसरे वित्त वर्ष में मुनाफे में रहे हैं। वित्त वर्ष 2017-18 में इन बैंकों को 85,870 करोड़ रुपये का घाटा हुआ था जबकि 2018-19 में 66,636 करोड़ का घाटा हुआ था। 2019-20 में 25,941 करोड़ का घाटा रहा। 2020-21 में 31,820 करोड़ रुपये का फायदा और 2021-22 में इन्होंने 66,539 करोड़ रुपये का मुनाफा कमाया था।  

12 में से कोई भी सरकारी बैंक घाटे में नहीं है। 7 बैंकों के कारोबार 10 लाख करोड़ के पार हैं। एसबीआई (77 लाख करोड़) यूनियन बैंक (19.27 लाख करोड़), केनरा बैंक (20.41 लाख करोड़), बैंक ऑफ इंडिया (11.85 लाख करोड़), बैंक ऑफ बड़ौदा (21.73 लाख करोड़), पीएनबी (21 लाख करोड़) और इंडियन बैंक (10.95) लाख करोड़ रुपये है। 

सालाना आधार पर सबसे अधिक 225 फीसदी मुनाफा बैंक ऑफ महाराष्ट्र का बढ़ा है जो 2,602 करोड़ रुपये रहा है। तिमाही में 477 फीसदी के साथ पीएनबी पहले स्थान पर है। बैंक ऑफ बड़ौदा 168 फीसदी बढ़त के साथ दूसरे और बैंक ऑफ महाराष्ट्र 136 फीसदी के साथ तीसरे पर है। किसी भी बैंक की तिमाही में मुनाफा वृद्धि 18 फीसदी से नीचे नहीं रही है। साथ ही बैंक ऑफ बड़ौदा को छोड़ दें तो सारे बैंकों का कर्ज दो अंकों में बढ़ा है। हालांकि इसकी तुलना में जमा कम बढ़ा है। पिछले वित्त वर्ष में कर्ज की मांग 11 साल के उच्च स्तर 15 फीसदी पर पहुंच गई है। कोरोना के समय यह गिरकर 5 फीसदी पर आ गई थी।  

बैंक                      फायदा (तिमाही)फायदा (वित्त वर्ष) सालाना बढ़त  
एसबीआई 16,695 50,232 59 फीसदी बढ़ा 
बैंक ऑफ बड़ौदा 4,775 14,109 94 फीसदी बढ़ा 
केनरा बैंक 3,336 11,254 84 फीसदी बढ़ा 
यूनियन बैंक 2,782 8,433 62 फीसदी बढ़ा 
बैंक ऑफ इंडिया 1,350 4,023 18 फीसदी बढ़ा 
बैंक ऑफ महाराष्ट्र 840 2,602 225 फीसदी बढ़ा 
पीएनबी 1,150 2,507 27 फीसदी घटा 
सेंट्रल बैंक 571 1,582 51 फीसदी बढ़ा 
इंडियन बैंक 1,447 5,282 30 फीसदी बढ़ा 
इंडियन ओवरसीज 650 2,099 22 फीसदी बढ़ा 

-सबसे बड़ा बैंक एसबीआई एक नजर में- कुल 48 करोड़ ग्राहक, बैंकिंग उद्योग जमा में बाजार हिस्सेदारी- 23 फीसदी, कुल कर्ज में हिस्सा 19.68 फीसदी, एटीएम में हिस्सा 30 फीसदी, हर सेकंड 12,300 लेन देन का रिकॉर्ड 

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