पहली बार देश से रक्षा उत्पादन का मूल्य एक लाख करोड़ रुपये के पार पहुंचा 

मुंबई- वित्त वर्ष 2022-23 में रक्षा उत्पादन का मूल्य पहली बार 1 लाख करोड़ रुपए के आंकड़े को पार कर गई है। इस बात की जानकारी डिफेंस मिनिस्ट्री ने दी है। रक्षा मंत्रालय ने बताया कि अभी रक्षा उत्पादन का मूल्य 1,06,800 करोड़ रुपए है। यह आंकड़ा प्राइवेट डिफेंस इंडस्ट्रीज का डेटा आने के बाद और बढ़ जाएगा। 

वित्त वर्ष में डिफेंस प्रोडक्शन की वैल्यू में वित्त वर्ष-22 की तुलना में 12% से ज्यादा की ग्रोथ हुई है। FY 2021-22 में यह आंकड़ा 95,000 करोड़ रुपए था। सरकार ने कहा, ‘हम रूस जैसे देशों से इम्पोर्ट पर अपनी निर्भरता को कम करने की कोशिश कर रहे हैं। भारत पिछले एक दशक में दुनिया का सबसे बड़ा हथियार इंपोर्टर रहा है। देश अपनी लगभग आधी मिलिट्री सप्लाई के लिए रूस पर निर्भर है। 

रक्षा मंत्रालय ने बयान में कहा कि 31 मार्च को खत्म वित्त वर्ष में भारत के स्थानीय रक्षा उत्पादन की वैल्यू बढ़कर 1.07 ट्रिलियन रुपए हो गई है और कुछ प्राइवेट डिफेंस कंपनियों के डेटा आने के बाद इसमें और बढ़ोतरी होने की उम्मीद है। 

मिनिस्ट्री ने कहा, ‘सरकार डिफेंस इंडस्ट्रीज और उनके एसोसिएशन के साथ लगातार काम कर रही है, ताकि उनके सामने आने वाली चुनौतियों को दूर किया जा सके और देश में डिफेंस प्रोडक्ट को बढ़ावा दिया जा सके।’ 

मंत्रालयने बताया कि जारी किए गए डिफेंस-इंडस्ट्री लाइसेंसों की संख्या हाल के सालों में लगभग तीन गुना हो गई है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, भारत का डिफेंस एक्सपोर्ट भी पिछले वित्त वर्ष में 24% बढ़कर लगभग 160 बिलियन रुपए हो गया है। 

भारत डोर्नियर-228 विमान, आर्टिलरी गन्स, रूस के साथ ज्वाइंट वेंचर के तहत बनी ब्रह्मोस मिसाइल, रडार्स, आर्मर्ड व्हीकल्स, रॉकेट एंड लॉन्चर, गोला-बारूद (एम्यूनिशन) और अन्य इक्विपमेंट्स एक्सपोर्ट करता है। 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *