सेबी का आदेश- सूचीबद्ध कंपनियों को 24 घंटे में देनी होगी घटनाओं की जानकारी 

मुंबई- सेबी शेयरों के मूल्यों से संबंधित गैर प्रकाशित संवेदनशील सूचनाओं (यूपीएसआई) के नियमों में बदलाव करेगा। इसके लिए इसने एक प्रस्ताव जारी किया है और इस पर सलाह मांगी है। इसके मुताबिक, शेयर बाजार में सूचीबद्ध कंपनियों को अब घटनाओं और कार्यक्रमों सहित अन्य सूचनाओं की जानकारी 24 घंटे के भीतर देनी होगी। इस पर जनता से 2 जून तक राय मांगी गई है। 

सेबी ने बृहस्पतिवार को कहा कि यूपीएसआई के अभी के नियमों के तहत सूचीबद्ध कंपनियां नियमों के मुताबिक पर्याप्त अनुपालन नहीं कर रही हैं। ऐसे में इसमें बदलाव की जरूरत है। प्रस्ताव के मुताबिक, अधिग्रहण, एग्रीमेंट, धोखाधड़ी या प्रमोटर के डिफॉल्ट होने जैसी वे सभी सूचनाएं जिनका कंपनी के शेयर पर सीधे प्रभाव पड़ेगा, उसकी 24 घंटे के भीतर जानकारी देनी होगी। 

प्रस्ताव के अनुसार, प्रतिभूतियों में कोई छेड़छाड़, रेटिंग में बदलाव, फोरेंसिक ऑडिट और निदेशकों के साथ कंपनी के प्रमुख अधिकारियों में बदलाव की भी जानकारी इस नियम के तहत आएगी। इसके अलावा बोर्ड मीटिंग, लाभांश, वित्तीय परिणाम जैसी सूचनाओं को 30 मिनट के अंदर एक्सचेंज को बताना होगा। 

सेबी और स्टॉक एक्सचेंजों ने मिलकर एक समीक्षा की थी। इसमें पता चला कि जनवरी, 2021 से सितंबर, 2022 के बीच शीर्ष 100 सूचीबद्ध कंपनियों ने 1,099 प्रेस रिलीज जारी किया। इसमें से 227 ऐसी रिलीज थी जिनका सीधे शेयरों के भाव पर असर हुआ। इसमें से केवल 8 फीसदी रिलीज ही यूपीएसआई के दायरे में पाईं गईं। जबकि 1099 में से केवल 1.64 प्रेस रिलीज यूपीएसआई के दायरे में मिलीं। 

किसी कंपनी के कर्मचारी के इनसाइडर ट्रेडिंग के मामले में अगर कर्मचारी ने तर्क दिया कि कंपनी ने खुद जानकारी को यूपीएसआई नहीं माना, तो कर्मचारी ऐसा कैसे मान सकता था। सेबी ने कहा कि इसने इस तथ्य को उजागर किया कि कंपनियां इस मामले में उचित सावधानी नहीं बरत रही हैं। 

सेबी ने कहा कि इसकी निगरानी प्रणाली ने संदिग्ध इनसाइडर ट्रेडिंग मामलों पर महत्वपूर्ण संख्या में अलर्ट भी उत्पन्न किए। इसमें यह देखा गया कि पर्याप्त संख्या में कंपनियों ने काल्पनिक लाभ कमाया। कभी-कभी 25 करोड़ रुपये से भी अधिक कमाया। लेकिन सेबी ने इनकी समीक्षा इसलिए नहीं की क्योंकि ये जानकारियां यूपीएसआई के दायरे में नहीं थी। 

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