ब्रिटिश टेलीकॉम करेगी 55,000 कर्मचारियों की छंटनी, लागत कम करने पर जोर 

मुंबई- यूनाइटेड किंग्डम की टेलीकॉम कंपनी बीटी ग्रुप जो पहले ब्रिटिश टेलीकॉम के नाम से जानी जाती थी उसने 55,000 कर्मचारियों की छंटनी करने का फैसला किया है। बीटी ग्रुप ने गुरुवार को कहा कि कंपनी के पुनर्गठन करने और खर्चों के घटाने को ध्यान में रखते हुए कर्मचारियों की संख्या को घटाने का फैसला लिया गया है।  

अगले एक दशक में बीटी ग्रुप 55,000 लोगों की छंटनी करेगी। कंपनी के कुल 1,30,000 के करीब कर्मचारी हैं जिसमें स्टॉफ से लेकर कॉंट्रैक्टर भी शामिल हैं। बीटी ग्रुप ने अपने लेटेस्ट रिपोर्ट में कहा है कि 2030 तक कंपनी अपने कर्मचारियों की संख्या घटाकर 75,000 से लेकर 90,000 के रखने की तैयारी में है। कंपनी के सीईओ फिलिप जैनसन ने कहा कि दशक के अंत तक कंपनी छोटे वर्कफोर्स के रखेगा जिससे खर्च में कमी की जा सके। उन्होंने कहा कि नया बीटी ग्रुप छोटा होगा साथ ही उसका भविष्य भी उज्जवल होगा।   

इससे पहले यूके बेस्ड टेलीकॉम कंपनी वोडाफोन भी ऐलान किया है कि कंपनी 11,000 कर्मचारियों की छंटनी करेगी। वोडाफोन यूरोप और अफ्रीका में ऑपरेट करती है। बीटी ग्रुप का कहना है कि उनसके फाइबर-ऑप्टिक ब्रॉडबैंड और 5जी सेवा के पूरी तरह रोलआउट होने के बाद उसे इतनी बड़ी सख्या में वर्कफोर्स की जरुरती नहीं होगी। 

वैश्विक आर्थिक संकट, कमरतोड़ महंगाई और आर्थिक विकास की रफ्तार धीमी पड़ने के बाद कंपनियां अपने खर्च को घटाने के लिए लगातार छंटनी कर रही हैं। पिछले कुछ महीनों में टेक और टेलीकॉम कंपनियों ने हजारों की संख्या में कर्मचारियों की छंटनी की है। गूगल, माइक्रेसॉफ्ट, आईबीएम से लेकर फेसबुक, ट्विटर, अमेजन जैसी कंपनियों ने हजारों की संख्या में कर्मचारियों की छंटनी की है. ये भी कंपनियां महंगे कर्ज से परेशान हैं। फेड रिजर्व ने लगातार ब्याज दरों में बढ़ोतरी की है। 

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