संचार साथी पोर्टल से खोया मोबाइल फोन और सिम किसके नाम जान सकते हैं 

मुंबई- टेलिकॉम मंत्री अश्विनी वैष्णव ने संचार साथी पोर्टल लॉन्च किया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि जब कोई भी इस पोर्टल पर मोबाइल खोने की जानकारी देगा, तो इसके बाद कुछ आइडेंटिटी वैरिफिकेशन होंगे। उसके तुरंत बाद ऑनलाइन टेलिकॉम ऑपरेटर और लॉ एन्फोर्समेंट एजेंसी के साथ इंटरैक्ट करके यह पोर्टल फोन को ब्लॉक कर देगा। 

वैष्णव ने कहा कि केवल सिम को ब्लॉक कर देना कोई सॉल्यूशन नहीं है, फोन को ब्लॉक करना जरूरी होता है। इसके साथ ही इस पोर्टल के जरिए कोई भी यह चेक कर सकता है कि उसके नाम से कितनी सिम चालू हैं। अगर आपको इसमें ऐसा कोई नंबर दिखाई देता है जो आपने नहीं लिया है तो उसे भी ब्लॉक करा सकता हैं। 

सेंटर फॉर डिपार्टमेंट ऑफ टेलीमैटिक्स (C-DOT) अभी तक दिल्ली, महाराष्ट्र, कर्नाटक और नॉर्थ-ईस्ट रीजन के कुछ टेलिकॉम ऑफिस में इस सिस्टम का पायलट प्रोजेक्ट चला रहा था, जिसे अब पूरे भारत में रोल आउट कर दिया गया है। C-DOT के चीफ एग्जीक्यूटिव ऑफिसर और चेयरमैन राजकुमार उपाध्याय ने बताया था कि सिस्टम में एक इन-बिल्ट मैकेनिज्म है जो मोबाइल की स्मगलिंग की जांच भी करेगा। 

अभी क्रिमिनल्स ज्यादातर मोबाइल चोरी करने के बाद डिवाइस का IMEI नंबर बदल देते हैं, जिसके कारण मोबाइल ट्रैक या ब्लॉक नहीं हो पाता था। राजकुमार उपाध्याय ने बताया कि ये पोर्टल IMEI नंबर बदलने के बाद भी डिवाइस को ट्रैक और ब्लॉक कर सकेगा। 

संचार साथी पोर्टल के अनुसार, अब तक इस पोर्टल के माध्यम से 4.81 लाख से अधिक खोए या चोरी हुए मोबाइल को ब्लॉक किया जा चुका है। इसके साथ ही 2.43 लाख से अधिक मोबाइल को ट्रैक किया गया है। अब तक इस पोर्टल की मदद से 8 हजार फोन बरामद किए जा चुके हैं। 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *