लेदर उद्योग के सपोर्ट के लिए सरकार बना रही है योजना
मुंबई- सरकार लेदर उद्योग के सपोर्ट के लिए कई सारी पहल पर काम कर रही है। उद्योग संवर्धन और आंतरिक व्यापार विभाग (डीपीआईआईटी) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने मंगलवार को बताया कि वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय इस उद्योग के विकास को और बढ़ावा देने के लिए योजना बना रहा है। इससे इस सेक्टर को मजबूती मिलेगी और वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने में यह सक्षम होगा।
डीपीआईआईटी के अतिरिक्त सचिव राजीव सिंह ठाकुर ने बताया कि सारी पहल अभी चर्चा के ही चरण में हैं। हालांकि, उन्होंने उत्पादन से जुड़ी योजना (पीएलआई) को लेकर कहा कि यह सभी बातें अभी भी शुरुआती चरण में हैं और इस पर बाद में ही कुछ फैसला हो सकता है।
उन्होंने कहा कि जितनी भी पहल इस उद्योग के लिए है उन सभी पर विचार किया जा रहा है। हम कुछ और पहल को लाने के लिए कोशिश कर रहे हैं जो हमारी योजना में हैं। इस योजना के तहत उद्योग के लिए कच्ची सामग्री की उपलब्धता पर भी जोर दिया जाएगा।
ठाकुर के मुताबिक, इस उद्योग से जुड़े आयात पर भी हम निगरानी रख रहे हैं। साथ ही न्यूनतम आपात मूल्य (एमआईपी) को लागू करने पर भी विचार हो सकता है। जो भी सलाह या योजना है, उनको गंभीरता से लेने की जरूरत है।
भारतीय फुटवियर और चमड़ा विकास कार्यक्रम (आईएफएलडीपी) के बारे में उन्होंने कहा कि इस योजना के लिए 1,700 करोड़ रुपये में से अब तक 350 करोड़ रुपये आईएफएलडीपी की तीन उप-योजनाओं के तहत जारी किए जा चुके हैं। इसे 31 मार्च, 2026 तक पूरा करना है। कार्यक्रम की अन्य तीन उप-योजनाओं – मेगा लेदर फुटवियर एंड एक्सेसरीज क्लस्टर डेवलपमेंट (एमएलएफएसीडी), ब्रांड प्रमोशन और डिजाइन स्टूडियो के विकास के तहत अब तक कोई वितरण नहीं हुआ है। इस उद्योग का कुल मूल्य 82,000 करोड़ रुपये और निर्यात 42,000 करोड़ रुपये का है।