सोलर उपकरण होंगे सस्ते, सरकार ने आवेदन शुल्क 80 फीसदी घटाया
मुंबई- आने वाले समय में सोलर के उपकरण सस्ते होंगे। नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (एमएनआरई) ने रिन्यूएबल एनर्जी को बढ़ावा देने को उपकरण बनाने वाली कंपनियों के लिए कारोबार को आसान करने के मद्देनजर बड़ा कदम उठाया है। इसके तहत मंजूरी प्राप्त सौर फोटोवोल्टिक मॉड्यूल्स के विनिर्माताओं और मॉडल में व्यापक तौर पर सुधार किए गए हैं। इसमें आवदेन शुल्क में 80 फीसदी की कमी की गई है।
मंत्रालय के एक बयान में कहा गया है कि एमएनआरई ने सौर फोटोवोल्टिक मॉड्यूल के लिए अपने एएलएमएम तंत्र में कई सुधार किए हैं। सुधारों का मुख्य उद्देश्य सौर पीवी निर्माताओं की लागत को कम करना, आवेदन से लेकर सूचीकरण तक के समय के साथ-साथ अनुपालन बोझ और पूरी एएलएमएम प्रक्रिया में व्यापार करने में आसानी को बढ़ाना है। ग्रिड आधारित बिजलीघरों में मॉड्यूल में दक्षता कम-से-कम 20 फीसदी होगी।
छतों पर लगने वाली सौर परियोजनाएं और सोलर पंपिंग में कम से कम 19.50 फीसदी मॉड्यूल दक्षता होगी और सोलर लाइटिंग के मामले में मानक 19 फीसदी होगा। प्रमुख सुधारों में आवेदन शुल्क में 80 प्रतिशत की कमी के साथ निरीक्षण शुल्क में पर्याप्त कमी है। कुछ मामलों में 70 फीसदी तक की कमी के साथ और एएलएमएम में अतिरिक्त मॉडलों की सूची में कारखाना निरीक्षण से छूट भी दी गई है।
यह छूट उन मामलों में दी गई है जहां एएलएमएम में अतिरिक्त मॉडलों की लिस्टिंग है और वे आवेदक द्वारा पहले से सूचीबद्ध मॉडलों के समान हैं लेकिन कम वाट क्षमता के हैं। विनिर्माताओं को आवेदन शुल्क के 90 फीसदी की वापसी के साथ कारखाना निरीक्षण से पहले आवेदन वापस लेने की अनुमति के साथ मॉडल और निर्माताओं की स्वीकृत सूची (एएलएमएम) भर्ती वैधता को 2 वर्ष से बढ़ाकर 4 वर्ष किया गया है।
भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) से रजिस्ट्रेशन प्राप्त होने के 7 दिनों के भीतर एएलएमएम में भर्ती प्रदान करना भी इस सुधार में शामिल है। भविष्य में सभी एएलएमएम आवेदनों के साथ आवेदनों की स्कैन की गई प्रतियां और एएलएमएम आवेदनों की प्रक्रिया मूल कॉपी जमा करने की प्रतीक्षा किए बिना शुरू हो जाएगी। इसे बाद में प्रस्तुत किया जा सकता है.