ब्रिटेन से आयातित कार हो सकती है सस्ती, कंपनियां खत्म करेंगी आयात कर 

ब्रिटेन से आयात होने वाली कारें आने वाले समय में सस्ती हो सकती हैं। भारतीय कार निर्माता कंपनियां ब्रिटेन के साथ कारोबार में सीमित संख्या में वाहनों पर आयात कर को खत्म करने पर सहमत हो गई हैं। देश के प्रमुख ऑटो लॉबी समूह सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स (सियाम) ने वाणिज्य मंत्रालय को इस तरह का प्रस्ताव दिया है। आयात कर में कटौती का उद्देश्य भारतीय बाजार को खोलना है। 

भारत वर्तमान में कार आयात पर 60 फीसदी और 100 फीसदी कर लगाता है। इसे चरणबद्ध तरीके से पांच साल में घटाकर 10 फीसदी कर दिया जाएगा। कार कंपनियां केवल अधिकतम 46,200 वाहनों के लिए ही कर घटाने पर सहमत हुई हैं। पहले साल में यह आंकड़ा 26,400 का होगा और पांच साल में 46,200 का होगा। सियाम ने प्रस्ताव में कहा है कि अगर बातचीत के दौरान जरूरत बड़ी तो 10 फीसदी को घटाकर शून्य भी किया जा सकता है। हालांकि, कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि यह बहुत कुछ नहीं कर सकता है, क्योंकि प्रस्तावित वाहनों की संख्या कम है। 

सियाम ने 10 साल की अवधि में कारों पर आयात कर को घटाकर 30 फीसदी करने का प्रस्ताव दिया है। साथ ही, ब्रिटेन से कुल आयात बढ़ने के आधार पर पांचवें वर्ष के बाद और कटौती करने को भी सियाम तैयार है। भारत सबसे सुरक्षित ऑटोमोबाइल बाजारों में से एक है जहां आयात कर किसी भी प्रमुख कार निर्माता देश की तुलना में दुनिया में सबसे अधिक है। इस वजह से टेस्ला जैसी प्रमुख कंपनी भी पिछले साल भारत में आने की अपनी योजना रद्द कर दी थी। 

भारत ने 31 मार्च, 2023 को समाप्त वित्त वर्ष में रिकॉर्ड 40 लाख कारें बेचीं थीं। ब्रिटेन में निसान, बीएमडब्ल्यू और टाटा की जगुआर लैंड रोवर जैसी कुछ ही कार फैक्ट्रियां चलती हैं। सियाम का शून्य शुल्क का प्रस्ताव, छोटे इंजन वाली कारों के लिए बेहतर है जो निसान जैसी कंपनियों को अधिक लाभ प्रदान कर सकता है। यह पहली बार है जब भारतीय कार निर्माता इस तरह की कटौती के लिए सहमत हुए हैं। 

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