अदाणी समूह की खामियों की जांच समय से पहले सही नहीं- सेबी
मुंबई- अदाणी समूह की कंपनियों के नियामकीय खुलासे की संभावित जांच का कोई भी गलत या समय से पहले निष्कर्ष निकालना कानूनी रूप से अस्थिर होगा। इससे न्याय की सेवा नहीं हो पाएगी। पूंजी बाजार नियामक सेबी ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में बताया कि उसने अदाणी समूह के शेयरों के संबंध में किसी भी नियमों के उल्लंघन की जानकारी मांगने के लिए 11 विदेशी नियामकों से संपर्क किया है।
सेबी ने कोर्ट को बताया कि नियमों के उल्लंघन के लिए पहली अपील उसने 6 अक्तूबर, 2020 में की थी। निर्णायक निष्कर्ष पर पहुंचने से पहले विभिन्न स्रोतों से प्राप्त दस्तावेजों का विश्लेषण करना होगा। जनवरी में अमेरिका के हिंडनबर्ग रिसर्च ने अदाणी समूह के बारे में कई आरोप लगाए थे। इसने कहा था कि शेयरों में काफी गड़बड़ियां हैं और साथ ही कुछ मुखौटा कंपनियां भी इसमें हैं।
सेबी ने शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट से अदाणी समूह की जांच के लिए छह महीने का समय मांगा था। सोमवार को सुनवाई में कोर्ट ने मौखिक दलीलों में कहा कि वह तीन महीने का विस्तार देने के लिए इच्छुक है। सेबी ने अपनी फाइलिंग में दोहराया कि हिंडनबर्ग की अदाणी समूह पर लगाए गए आरोप काफी जटिल हैं। ये कई न्यायिक क्षेत्रों में शामिल हैं।