धोखाधड़ी और एनपीए रोकने के लिए हाउसिंग फाइनेंस कंपनियां करें उपाय 

मुंबई- हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों (एचएफसी) के नियामक नेशनल हाउसिंग बैंक (एनएचबी) ने 1,000 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति वाली कंपनियों को वित्तीय धोखाधड़ी की जांच करने और खातों को गैर-निष्पादित परिसंपत्तियों (एनपीए) में बदलने से रोकने के लिए उपाय करने को कहा है। इसके लिए कंपनियों को एक अप्रैल, 2024 से प्रारंभिक चेतावनी संकेत (ईडब्ल्यूएस) ढांचा अपनाना होगा। 

एनएचबी ने हाल में जारी एक सर्कुलर में कहा है कि हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों (एचएफसी) की धोखाधड़ी के विश्लेषण से पता चला है कि ज्यादातर धोखाधड़ी के कारणों में नकली आय/रोजगार दस्तावेज पेश करना, फर्जी टाइटल डीड जमा करना और बिल्डर एवं कर्जदार की मिलीभगत शामिल होती है। यह भी देखा गया है कि इस तरह की कमियों की पहचान तभी की जाती है जब कर्जदार कर्ज लेकर किस्त का भुगतान बंद कर देता है। 

एनएचबी के मुताबिक, यह निर्णय लिया गया है कि एचएफसी को ईडब्ल्यूएस फ्रेमवर्क को अपनाया जाना चाहिए। इससे किसी भी खाते को एनपीए बनने से पहले पता चल जाएगा। सर्कुलर में आगे कहा गया है कि ईडब्ल्यूएस की ट्रैकिंग को एचएफसी के सिस्टम में क्रेडिट निगरानी प्रक्रिया के साथ एकीकृत किया जाना चाहिए ताकि यह हमेशा की गतिविधि बन जाए। 

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