बिना दावा वाली रकम को देने के लिए बैंक चलाएंगे 100 दिन अभियान 

मुंबई- बैंकों में बिना दावे वाली पड़ी अरबों रुपये की रकम के मालिकों को खोजने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) अब 100 दिन का अभियान चलाएगा। इस अभियान को 100 डेज 100 पेज नाम दिया गया है। इसके तहत हर बैंक 100 दिनों के अंदर देश के हर जिले में शीर्ष 100 बिना दावे वाले जमाकर्ताओं को खोजेगा और उसका भुगतान करेगा। 

आरबीआई के आदेश पर सभी बैंक एक जून से इस अभियान की शुरुआत करेंगे। नियम के मुताबिक, जिस भी बचत या चालू खाता को 10 साल तक नहीं चलाया जाता है, या कोई टर्म जमा का खाता है जिसमें 10 साल तक कोई दावा नहीं करता है, ऐसे खातों में पड़ी रकम को लावारिस या बिना दावे वाली रकम माना जाता है। बाद में यह एक विशेष खाते में चली जाती है। केंद्रीय बैंक 10 साल से ज्यादा समय तक दावा न की जाने वाली ऐसी रकम को ही लौटाने की योजना बना रहा है। 6 अप्रैल को आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने ऐसे जमा के लिए एक केंद्रीय वेब पोर्टल बनाने की बात भी कही थी। 

सरकारी बैंकों में करीब 35,000 करोड़ रुपये की रकम ऐसी है जिस पर किसी ने अपना दावा नहीं किया है। सरकारी बैंकों ने इस पैसे को रिजर्व बैंक को ट्रांसफर कर दिया है। इसमें भारतीय स्टेट बैंक यानी एसबीआई में 8,086 करोड़ रुपये के लावारिस हैं। इसके बाद पंजाब नेशनल बैंक में 5,340 करोड़ रुपये, केनरा बैंक में 4,558 करोड़ रुपये और बैंक ऑफ बड़ौदा में 3,904 करोड़ रुपये हैं। आरबीआई के मुताबिक, तमिलनाडु, पंजाब, गुजरात, महाराष्ट्र, बंगाल, कर्नाटक, बिहार, तेलंगाना और आंध्र प्रदेश के बैंकों में बिना दावे वाली रकम ज्यादा है। 

जीवन बीमा कंपनियों में 31 मार्च, 2021 तक 22,043 करोड़ जमा राशि का कोई दावेदार नहीं है। गैर जीवन बीमा कंपनियों के पास 31 मार्च, 2021 को 1,241.81 करोड़ रुपये का कोई दावेदार नहीं है। देश की सबसे बड़ी बीमा कंपनी एलआईसी के पास ही अकेले 21,538.93 करोड़ रुपये की ऐसी जमा रकम है। इसमें 2911.08 करोड़ रुपये ब्याज राशि भी शामिल हैं। 

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