चिप के लिए सरकार फिर शुरू कर सकती है 10 अरब डॉलर की पीएलआई योजना 

मुंबई- देश में चिप्स के निर्माण को प्रोत्साहित करने के इरादे से सरकार बड़ा फैसला कर सकती है। सूत्रों के मुताबिक, इस उद्योग को प्रोत्साहन और सहायता के लिए 10 अरब डॉलर की योजना के लिए फिर से आवेदन प्रक्रिया शुरू की जा सकती है। 

एक रिपोर्ट में कहा गया है कि आवेदन जमा करने के लिए पिछले 45 दिनों की सीमा को खत्म करते हुए इसे लंबे समय तक खुला रखा जा सकता है। ऐसे में सरकार तब तक आवेदन स्वीकार करने के लिए तैयार है, जब तक कि इसका 10 अरब डॉलर का बजट खत्म नहीं हो जाता है। 

आवेदनों के लिए पहले घोषित शॉर्ट विंडो के कारण योजना में केवल कुछ ही आवेदक शामिल हो पाए थे। इसमें वेदांता और ताइवान के फॉक्सकॉन के बीच साझेदारी और एक अन्य समूह जिसमें टॉवर सेमीकंडक्टर भी शामिल है। भारत ने देश को वैश्विक चिप आपूर्ति श्रृंखला में एक प्रमुख देश बनाने में मदद करने के लिए प्रोत्साहन की घोषणा की थी। 

एपल की आपूर्तिकर्ता फॉक्सकॉन सहित कई कंपनियां इस समय चीन के बजाय भारत पर फोकस कर रही हैं। इसलिए भारत एक मजबूत प्रोत्साहन योजना देकर इसका फायदा उठाना चाहता है। ताइवानी कांट्रेक्ट मैन्यूफैक्चरर फॉक्सकॉन ने बंगलूरू में मंगलवार को ही 300 एकड़ जमीन खरीदी है। इस जमीन पर एपल के आईफोन बनाने की फैक्ट्री लगाई जाएगी। इस जमीन के लिए कंपनी ने 300 करोड़ रुपये खर्च किए हैं। फॉक्सकॉन एपल की सबसे बड़ी मैन्युफैक्चरर कंपनी है। इस जमीन पर 70 करोड़ डॉलर के निवेश एक अत्याधुनिक फैक्ट्री बनाई जाएगी। इस फैक्ट्री के बन जाने के बाद लगभग एक लाख लोगों को रोजगार मिलने की संभावना है। 

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