गांवों में डेढ़ साल बाद लौटी एफएमसीजी की खरीदारी की रौनक 

मुंबई- लगातार छह तिमाहियों तक बिक्री में गिरावट रहने के बाद गांवों में एफएमसीजी उत्पादों की बिक्री में मार्च तिमाही में तेजी आई है। कुल एफएमसीजी की बिक्री में गांवों का योगदान 35 फीसदी है और इसमें सुधार की उम्मीद है। शहरी इलाकों में इसी दौरान 5.3 फीसदी की वृद्धि रही है। 

एक रिपोर्ट के अनुसार, जनवरी से मार्च के बीच गांवों में एफएमसीजी की बिक्री 0.3 फीसदी बढ़ी है। इससे पहले अप्रैल-जून, 2021 में गांवों में बिक्री में तेजी देखी गई थी। आंकड़ों के मुताबिक, समग्र रूप से एफएमसीजी की बिक्री मूल्य के लिहाज से 10.1 फीसदी और वॉल्यूम के लिहाज से 3.1 फीसदी बढ़ी है। 

रिपोर्ट में कहा गया है कि यह मूल्य वृद्धि ग्रामीण बाजारों में खपत और पारंपरिक व्यापार में पुनरुद्धार से प्रेरित है, जो एक वर्ष से अधिक समय से दबाव में थे। इसके अलावा, मार्च तिमाही के दौरान खुदरा महंगाई में स्थिरता के साथ एफएमसीजी के लिए मूल्य वृद्धि भी घटकर 6.9 प्फीसदी रह गई है। दिसंबर तिमाही में यह 7.9 फीसदी थी। 

पारंपरिक व्यापार, जिसमें पड़ोस और किराना स्टोर शामिल हैं, में 1.9 फीसदी की खपत में वृद्धि देखी गई। मॉडर्न ट्रेड (एमटी) जैसे कि हाइपरमार्ट्स, शॉपिंग मॉल आदि में 14.6 फीसदी की बढ़त हुई है। कुल मिलाकर, छोटे निर्माताओं की खाद्य सेगमेंट में 7.2 फीसदी और बड़े निर्माताओं की 3.2 फीसदी की वृद्धि रही है। 

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