92 साल के वारेन बफेट, कंपनी ने पहली तिमाही में दिया 35 अरब डॉलर का लाभ
मुंबई- वॉरेन बफेट की कंपनी बर्कशायर हैथवे ने पहली तिमाही के नतीजों का ऐलान किया है। इस अवधि में कंपनी को 35.5 अरब डॉलर का मुनाफा हुआ है। यह एपल जैसे शेयरों से ज्यादा लाभ को दिखाता है। फर्म का कैश होल्ड 130 अरब डॉलर से अधिक हो गया। निवेश से होने वाली हायर इनकम ने ऑपरेटिंग प्रॉफिट को बढ़ाया है।
कंपनी की शुद्ध आय 24,377 डॉलर प्रति क्लास A शेयर के बराबर हो गई है और यह एक साल पहले 5.58 अरब डॉलर या 3,784 डॉलर प्रति शेयर से बढ़ गई। दुनिया के छठे सबसे अमीर व्यक्ति, बफेट ने साल 1965 से बर्कशायर को चलाया है। इनके दर्जनों व्यवसायों में जिको कार बीमा, बीएनएसएफ रेलमार्ग और डेयरी क्वीन और फ्रूट ऑफ द लूम आदि शामिल हैं। दिग्गज अरबपति को अब 92 वर्ष की उम्र में डर सता रहा है। उन्होंने इसका जिक्र किया है।
दिग्गज निवेशक वॉरेन बफेट के विचार बर्कशायर हैथवे के साथ अमेरिकी अर्थव्यवस्था पर भी गहरे प्रभाव डालते हैं। वॉरेन बफे ने कहा है कि अच्छा समय अब खत्म हो सकता है। बफेट के मुताबिक, इस साल बर्कशायर के अधिकांश ऑपरेशन की कमाई में गिरावट आ सकती है। उन्होंने इसके पीछे की वजह लंबे समय से अनुमानित मंदी से आर्थिक गतिविधियों का धीमा होना बताया है। ओमाहा, नेब्रास्का में समूह की वार्षिक आम बैठक में ये टिप्पणी की है। हाल ही बर्कशायर ने पहली तिमाही में ऑपरेशन कमाई में 8.07 बिलियन डॉलर के साथ लगभग 13% वृद्धि दर्ज की है।
चौथी तिमाही में बफेट ने ताइवान सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग कंपनी में अपनी हिस्सेदारी घटा दी। कुछ ही महीनों पहले उन्होंने खुलासा किया था कि उनके पास इस कंपनी में बड़ा हिस्सा है। हिस्सेदारी घटाने पर बफेट का कहना था कि यह कंपनी दुनिया की सबसे महत्वपूर्ण फर्म में से एक है। इसका मैनेजमेंट भी बढ़िया है। बावजूद इसके वह हिस्सेदारी घटा रहे, क्योंकि उन्हें लोकेशन पसंद नहीं आ रही। बफेट का यह इशारा चीन और ताइवान के बीच बढ़ते तनाव की ओर था।