म्यूचुअल फंड और ब्रोकरों के फाइनेंशियल इन्फ्लूएंसर्स के उपयोग पर लगेगी सीमा 

मुंबई- पूंजी बाजार नियामक सेबी ब्रोकरों और म्युचुअल फंडों को विज्ञापन और मार्केटिंग अभियानों में फाइनेंशियल इन्फ्लूएंसर्स के इस्तेमाल पर सीमा लगाने की योजना बना रहा है। महामारी के दौरान इक्विटी बाजारों में खुदरा निवेशकों में उछाल के कारण सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर वित्तीय सलाह देने वालों की बाढ़ आ गई है। 

भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) को डर है कि ऐसे इन्फ्लूएंसर्स निवेशकों को गुमराह कर सकते हैं। सूत्रों ने कहा कि सेबी ब्रोकरों, पंजीकृत ट्रेडरों और म्यूचुअल फंड हाउसों से उन इन्फ्लूएंसर्स के साथ जुड़ने से मना करने की योजना बना रहा है, जो गुमराह करने वाली सलाह देते हैं और निवेशकों को आकर्षित कर रहे हैं। 

सेबी इस नियम को लागू करने से पहले उद्योग की सलाह लेगा। उसके बाद यह परिभाषित होगा कि कौन सी सलाह भ्रामक है। इसके बाद इस नियम के उल्लंघन पर जुर्माना और बाजार में कारोबार पर प्रतिबंध जैसे दंड लगाए जाएंगे। इसमें तय या ज्यादा रिटर्न के साथ पक्षपातपूर्ण सूचनाओं व बिना डिस्क्लेमर वाली सामग्रियों को भ्रामक माना जाएगा। 

सेबी का मानना है कि फाइनेंशियल इन्फ्लूएंसर्स को रेगुलेट करना उसके अधिकार क्षेत्र से बाहर है। हालांकि, पंजीकृत बाजार बिचौलियों के जरिये विज्ञापन, इवेंट्स और अन्य के साथ इन्फ्लूएंसर्स को जुड़ने पर प्रतिबंध लगाया जा सकता है। साथ ही म्यूचुअल फंड और ब्रोकरों को ऐसे सलाहकारों से दूर रहने की सलाह दी जा सकती है। एक जानकार ने कहा, सेबी के नजरिये से पूरी तरह से यह समस्या हल नहीं हो सकती है। इसके लिए एक कठोर नियम की जरूरत है। 

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