म्यांमार पोर्ट को बेचने में 12 करोड़ डॉलर का घाटा, अदाणी एंटरप्राइजेज के लाभ से कई गुना ज्यादा
मुंबई- अडानी पोर्ट्स एंड एसईजेड म्यांमार पोर्ट को बेचने जा रही है। कंपनी 30 मिलियन डॉलर में इस पोर्ट को बेच रही है। मई 2022 में ही अडानी पोर्ट्स ने म्यांमार पोर्ट को बेचने के लिए शेयर पर्चेज एग्रीमेंट किया था। एग्रीमेंट में ये शर्त थी कि प्रोजेक्ट को पूरा कर लिया जाएगा साथ ही खरीदार को कारोबार में करने में कोई दिक्कत ना हो उसके लिए सभी जरुरी मंजूरी ले ली जाएगी।
अडानी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक जोन (APSEZ) ने अपने बयान में कहा कि क्योंकि अप्रूवल प्रोसेस में देरी हो रही थी और शर्तों को पूरा करने में भी चुनौतियों को सामना करना पड़ा रहा था। जिसके बाद अडानी पोर्ट्स ने जिस हालत में पोर्ट है उसका स्वतंत्र वैल्यूएशन हासिल किया है। जिसके बाद खरीदार और बेचने वाले ने नए सिरे से मोलभाव करने के बाद 30 मिलियन डॉलर में डील को पूरा कर लिया है।
बयान में कहा गया कि खरीदार सभी जरुरी नियमों के अनुपालन करने के 3 दिनों के भीतर तय रकम का भुगतान कर देगा। डील में तय वैल्यू के मुताबिक रकम मिलने के बाद अडानी पोर्ट्स एँड एसईजेड इक्विटी खरीदार को ट्रांसफर करेगा जिसके साथ ही डील को पूरा कर लिया जाएगा? अडानी पोर्ट एंड एसईजेड के सीईओ और होल-टाइम डायरेक्टर करण अडानी ने कहा कि इस पोर्ट से एग्जिट अक्टूबर 2021 में जोखिम समिति द्वारा की गई सिफारिशों के आधार पर अडानी पोर्ट्स एंड एसईजेड के बोर्ड APSEZ बोर्ड द्वारा उपलब्ध कराये गए गाइडेंस के मुताबिक है।
ये प्रोजेक्ट तब विवादों में फंस गया था ये बात सामने आई कि अडानी पोर्ट्स एंड एसईजेड के सीईओ करण अडानी ने 2019 में म्यांमार के सेना प्रमुख सीनियर जनरल मिन आंग हलिंग से मुलाकात की थी, जिन्होंने वहां की चुनी हुई सरकार के खिलाफ तख्तापलट का नेतृत्व किया था।
वहीं हाल ही में म्यांमार पोर्ट की बिक्री में अडानी पोर्ट्स को 120 मिलियन डॉलर का घाटा हुआ। यह अडानी एंटरप्राइजेज के सभी मुनाफों से कहीं ज्यादा है। अडानी समूह अब तक म्यांमार पोर्ट में 150 मिलियन डॉलर्स का निवेश कर चूका था पर म्यांमार में मानवाधिकार के उलंघन के चलते, बेहतर गवर्नेंस के प्रति अपनी प्रतिबद्धता के चलते अडानी समूह ने घाटा उठा कर भी सौदा किया।