उच्च पेंशन चुनने वालों को नियोक्ता करेगा 1.16 फीसदी का योगदान 

मुंबई। ज्यादा पेंशन का विकल्प चुनने वाले कर्मचारियों के पेंशन में नियोक्ता का योगदान अब 8.33 फीसदी से बढ़कर 9.49 फीसदी हो जाएगा। इसका मतलब जो 1.16 फीसदी अतिरिक्त योगदान होगा, वह भी नियोक्ता ही करेगा। बुधवार देर शाम जारी श्रम मंत्रालय के एक बयान में कहा गया है, भविष्य निधि में नियोक्ताओं के कुल 12 फीसदी योगदान में से 1.16 फीसदी अतिरिक्त योगदान लेने का फैसला किया गया है। 

वर्तमान में, सरकार कर्मचारी पेंशन योजना (ईपीएस) के योगदान के लिए सब्सिडी के रूप में 15,000 रुपये तक के मूल वेतन का 1.16 प्रतिशत भुगतान करती है। ईपीएफओ की संचालित सामाजिक सुरक्षा योजनाओं में नियोक्ता मूल वेतन का 12 प्रतिशत योगदान करते हैं। मंत्रालय ने कहा कि यह प्रावधान सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के अनुरूप है। 

मंत्रालय ने कहा कि अधिसूचना जारी होने के साथ ही चार नवंबर, 2022 के फैसले में निहित सुप्रीम कोर्ट के सभी निर्देशों का अनुपालन किया गया है। कोर्ट ने संशोधित योजना के तहत एक अतिरिक्त योगदान उन कर्मचारियों पर लागू करने का आदेश दिया था, जिनका वेतन मासिक 15,000 रुपये से अधिक है। 

नियोक्ताओं के योगदान किए गए 12 प्रतिशत में से 8.33 प्रतिशत ईपीएस में जाता है और शेष 3.67 प्रतिशत कर्मचारी भविष्य निधि में जमा किया जाता है। अब वे सभी ईपीएफओ सदस्य जो उच्च पेंशन प्राप्त करने के लिए 15,000 रुपये प्रति माह की सीमा से अधिक अपने वास्तविक मूल वेतन पर योगदान करने का विकल्प चुन रहे हैं, उन्हें ईपीएस के लिए इस अतिरिक्त 1.16 प्रतिशत का योगदान नहीं करना होगा। 

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