गो फर्स्ट पर बैंकों सहित अन्य के 11,463 करोड़ कर्ज, 30 फीसदी की ही वसूली संभव 

मुंबई- गो फर्स्ट अगर दिवालिया हो जाती है तो बैंकों के अलावा अन्य वित्तीय संस्थान, वेंडर्स और अन्य के इस पर 11,463 करोड़ रुपये के कर्ज वसूलने में मुश्किल आ सकती है। इस कर्ज से बैंकों के शेयरों में बुधवार को अच्छी खासी गिरावट आई। जिन प्रमुख बैंकों ने कर्ज दिया है उनमें डच बैंक, एक्सिस बैंक, सेंट्रल बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा, आईडीबीआई बैंक सहित अन्य बैंक शामिल हैं। 

जानकारी के मुताबिक, 30 अप्रैल तक गो फर्स्ट ने किसी भी बकाये को चुकाने में देरी नहीं की थी। अब विश्लेषकों का मानना है कि कुल कर्ज में से केवल 25-30 फीसदी की ही वसूली होने की संभावना है। बाकी रकम का बैंकों को घाटा उठाना होगा। सेंट्रल बैंक और बैंक ऑफ बड़ौदा ने एक समूह बनाकर गो फर्स्ट को 1,300 करोड़ रुपये का कर्ज दिया है। आईडीबीआई का 50 करोड़ रुपये कर्ज है। 

गो फर्स्ट ने कोविड संकट के दौरान शुरू की गई सरकार की आपात ऋण योजना के तहत भी 1,292 करोड़ रुपये उधार लिए हैं। इस योजना में कर्ज पर सरकार ही गारंटी देती थी। एयरलाइन ने कहा, वर्तमान में, कंपनी की संपत्ति अपनी देनदारियों को पूरा करने के लिए पर्याप्त नहीं है। 

कंपनी के सीईओ कौशिक खोना ने कर्मचारियों को भेजे ईमेल में कहा है कि प्रैट एंड व्हिटनी के इंजनों की आपूर्ति करने में विफल रहने से भयानक संकट पैदा हो गया है। हम सभी कर्मचारियों के लिए अत्यंत सावधानी और चिंता के साथ इस स्थिति से निपटने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं। मुझे उम्मीद है कि एक बार अंतरिम राहत के लिए आईबीसी की धारा 10 के तहत आवेदन पर विचार किया जाएगा। 

गो फर्स्ट के बंद होने से ट्रैवल एजेंटों का मानना है कि जिस रूट पर उसकी सेवाएं थीं, उस पर किराया बढ़ सकता है। ट्रैवल एजेंट्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (टीएएआई) के अध्यक्ष ज्योति मयाल ने बताया कि यह मामला एयरलाइंस उद्योग के लिए बुरा है। हमने किंगफिशर एयरलाइंस में, जेट एयरवेज में करोड़ों रुपये का घाटा सहा है। अब हम गो फर्स्ट को दिवालिया में जाते हुए देख रहे हैं। 

मयाल ने कहा, यह गर्मियों का मौसम है। इस समय हवाई यात्रा की मांग ज्यादा रहती है। ऐसे में गो फर्स्ट के बंद होने से किराये में बढ़ोतरी होगी। आने वाले हफ्तों में किराए बढ़ने की संभावना है। गर्मियों के मौसम में मार्च से अक्तूबर तक गो फर्स्ट हर हफ्ते 1,538 फ्लाइट चलाती है। 

नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) आज कंपनी की स्वैच्छिक दिवाला समाधान याचिका पर सुनवाई करेगा। पीठ ने तत्काल सुनवाई पर सहमति जताई है और मामले को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करने का निर्देश दिया है। 

आर्थिक तंगी से जूझ रही और तीन दिन के लिए उड़ान सेवा ठप करने वाली गो फर्स्ट को इंजन आपूर्ति करने वाली अमेरिकी एयरोस्पेस प्रमुख प्रैट एंड व्हिटनी (पीडब्ल्यू) ने कहा है कि गो फर्स्ट का भुगतान न करने का लंबा इतिहास रहा है। गो फर्स्ट ने नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) की दिल्ली पीठ के समक्ष स्वैच्छिक दिवाला कार्यवाही के लिए आवेदन दायर किया है। इसमें कंपनी ने पीडब्ल्यू से एयरवर्थ इंजनों की सोर्सिंग में देरी के फैसले को जिम्मेदार ठहराया।  

कर्मचारियों को भेजे ईमेल में एयरलाइन के सीईओ कौशिक खोना ने कहा कि पिछले 12 महीनों से अधिक समय से एयरलाइन ने पी एंड डब्ल्यू को अतिरिक्त इंजन उपलब्ध कराने, एयरलाइन के इंजनों की मरम्मत करने और दुकान के दौरे के लिए शुल्क नहीं लेने के लिए मनाने की कोशिश की है। 

स्पाइसजेट ने बुधवार को कहा कि वह 25 ग्राउंडेड विमानों को पुनर्जीवित करने के लिए काम कर रही है। इसके लिए अब तक 400 करोड़ रुपये जुटाए हैं। स्पाइसजेट ने कहा कि 25 विमानों के पुनरुद्धार के लिए आपातकालीन क्रेडिट लाइन गारंटी योजना (ईसीएलजीएस) और अन्य साधनों से जुटाई जाएगी। एयरलाइन के पास लगभग 80 विमान हैं। इसमें से 25 बंद हैं। 

लगभग तीन दशक पहले 1994 में निजी एयरलाइनों के आने के बाद से हर साल औसतन एक एयरलाइन बंद हो जाती है। कुल 27 एयरलाइंस या तो बंद हो गईं या इनको किसी और में मिला दिया गया। 

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