देश में बेरोजगारी चार महीने के शीर्ष पर, शहरों में ज्यादा लोग बेरोजगार
मुंबई- रोजगार के मोर्चे पर अच्छी खबर नहीं है। अप्रैल में देश में बेरोजगारी दर 8.11 फीसदी पहुंच गई है। यह इसका चार महीने का उच्चतम स्तर है। सेंटर फॉर मॉनीटरिंग इंडिया इकॉनमी (CMIE) के मुताबिक इस दौरान शहरी इलाकों में बेरोजगारी 8.51 फीसदी से बढ़कर 9.81 फीसदी पहुंच गई जबकि ग्रामीण इलाकों में इसमें गिरावट आई है।
अप्रैल में ग्रामीण इलाकों बेरोजगारी की दर 7.47 फीसदी से गिरकर 7.34 फीसदी रह गई। इससे पहले मार्च में पूरे देश में बेरोजगारी दर 7.8 परसेंट थी। लेबर पार्टिसिपेशन रेट में बढ़ोतरी से देश में बेरोजगारी दर बढ़ी है। अप्रैल में यह 41.98 परसेंट रहा जो तीन साल में इसका उच्चतम स्तर है।
सीएमआईई के प्रमुख महेश व्यास ने कहा कि लेबर पार्टिसिपेशन रेट बढ़ने से देश में बेरोजगारी दर बढ़ी है। अप्रैल में देश की लेबर फोर्स 2.55 करोड़ बढ़कर 46.76 करोड़ पहुंच गई। इसमें से करीब 87 फीसदी लोग रोजगार पाने में कामयाब रहे। इसकी वजह यह रही कि अप्रैल में 2.21 करोड़ अतिरिक्त जॉब पैदा हुए। अप्रैल में रोजगार दर बढ़कर 38.57 परसेंट पहुंच गया जो मार्च 2020 से इसका उच्चतम स्तर है। व्यास ने कहा कि अप्रैल में लेबर पार्टिसिपेशन रेट और एम्प्लॉयमेंट रेट में बढ़ोतरी से यह बात साबित होती है कि लोगों में रोजगार पाने की चाहत बढ़ी है।
अप्रैल में शहरी इलाकों की तुलना में ग्रामीण इलाकों में रोजगार के अवसर बढ़े। ग्रामीण इलाकों में 94.6 फीसदी लेबर फोर्स को रोजगार मिला जबकि शहरी इलाकों में केवल 54.8 परसेंट को नई नौकरी मिली। सीएमआईई के आंकड़ों के मुताबिक ग्रामीण इलाकों में मनरेगा के तहत रोजगार की मांग घट रही है।
देश में दिसंबर 2022 मे बेरोजगारी की दर 8.3 फीसदी पहुंच गई थी लेकिन जनवरी में यह गिरकर 7.14 फीसदी रह गई। फरवरी में इसमें फिर तेजी आई और यह 7.45 फीसदी पर पहुंच गई। अप्रैल में यह 8.11 फीसदी पर पहुंच गई।