जानिए बायजूस पर क्यों पड़ा ईडी का छापा, 29,000 करोड़ के मालिक
मुंबई-एडुटेक स्टार्टअप बायजू इन दिनों प्रवर्तन निदेशालय (ED) के निशाने पर है। बायजू के फाउंडर, सीईओ रवींद्रन बायजू के घर और ऑफिस पर ईडी की छापेमारी पड़ी है। रवींद्रन बायजू और उनकी कंपनी थिंक एंड लर्न प्राइवेट लिमिटेड ईडी पर निशाने पर है।
रविवार को ईडी ने छापेमारी के दौरान अहम दस्तावेज जब्त कर लिए। विवादों में फंसे बायजू पर कई सवाल उठ रहे हैं। उनपर हेराफेरी और वित्तीय गड़बड़ी को लेकर सवाल खड़े हो गए। वहीं कंपनी के मालिक रवींद्रन सफाई देने में जुटे हैं। ट्यूशन पढ़ाकर गुजारा करने वाले रवींद्रन आज 29000 करोड़ की कंपनी के मालिक हैं। उन्होंने अपनी एडुटेक कंपनी ने पढ़ाई का नजरिया बदल दिया। जो कभी मैथ्य सा ट्यूशन पढ़ा रहे थे अब वो अरबों रुपये का बिजनेस कर रहे हैं।
केरल के रहने वाले बायजू रवींद्रन पढ़ाई में शुरू से ही अव्वल रहे। उनकी शुरुआती पढ़ाई अझीकोड में मलयालम मीडियम के स्कूल से हुई। उनके माता-पिता दोनों की टीचर थे। ग्रेजुएशन करने के बाद उन्होंने इंजीनियर के तौर पर अपने करियर की शुरुआत की। ब्रिटेन की एक शिपिंग कंपनी में नौकरी मिल गई। काम के बीच छुट्टियों वो जब घर लौटे तो टाइमपास के लिए अपने दोस्तों को पढ़ाई में मदद करते थे। पढ़ाने में उन्हें मजा आने लगा। दोस्तों को तैयारी करवाने के साथ-साथ उन्होंने खुद भी IIM का एंट्रेस्ट का एग्जाम दिया और 100 फीसदी स्कोर किया। हालांकि उन्होंने एडमिशन लेने के बजाए कोचिंग क्लास लेने का फैसला किया।
अब रवींद्रन ने नौकरी के बजाए कोचिंग सेंटर खोलने का फैसला लिया। बायजू के नाम से उन्होंने अपना कोचिंग सेंटर खोला। बच्चों को वहां गणित के साथ-साथ वो अलग-अलग प्रतियोगिता तैयारी करवाते थे। कोटिंग क्लास में भी उनकी मुलाकात दिव्या से हुई। बाद में दोनों ने शादी कर दी। रवींद्रन पढ़ाने में काफी अच्छे थे। कोचिंग सेंटर में बच्चों की संख्या बढ़ती जा रही थी। जगह कम पड़ने लगा था। इसी को देखते हुए साल 2011 में उन्होंने अपनी पत्नी दिव्या गोकुलनाथ के साथ मिलकर थिंक एंड लर्न प्राइवेट लिमिटेड की शुरुआत की। उन्होंने लर्निंग ऐप बायजू तैयार किया। साल 2015 में उन्होंने इस ऐप को लॉन्च कर दिया।
ट्यूशन टीचर रवींद्रन के लिए लर्निंग ऐप गेमचेंजर साबित हुआ। स्मार्टफोन का क्रेज बढ़ रहा था और ऐप से पढ़ाई का नया ट्रेंड उस वक्त हिट हो गया। देखते ही देखते उनका ये ऐप पॉपुलर हो गया। बायजू पर शुरुआत में उन्होंने फ्री कंटेंट रखा। बाद में फीस लेना शुरू कर दिया। बायजू के 15 करोड़ से ज्यादा ऐप डाउलोड्स हो चुके हैं। रोजाना करीब 71 मिनट स्टूडेंट उनके प्लेटफॉर्म पर समय बिताते हैं। कंपनी ने विज्ञापन पर बड़ा खर्च किया। स्पॉन्सरशिप पर दिल खोलकर पैसे खर्च किया। जिसका फायदा भी उसे मिला। अपने बिजनेस को बड़ा करने के लिए बायजू ने IIT, मेडिकल की तैयारी करवाने वाले आकाश एजुकेशनल सर्विसेज को 7300 करोड़ रुपये में खरीद लिया।
आपको जानकर हैरानी होगी कि सिर्फ 7 साल में उनकी दौलत में जबरदस्त इजाफा हुआ। साल 2023 हुरुन ग्लोबल रिच लिस्ट के अनुसार उन्हें भारत में 187 अरबपति के तौर पर शामिल किया गया। फोर्ब्स के मुताबिक उनका नेटवर्थ 25000 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। बायजू रवींद्रन अब एक ट्यूशन टीचर नहीं बल्कि बिजनेसमैन, इन्वेस्टर बन चुके हैं। रवींद्रन की एडुटेक कंपनी बायजू की वैल्यू 22 बिलियन डॉलर से अधिक हो चुकी है।